14 जून पंजाब:हमारे राज्यों की बाजार उधारी एक साल में 38% बढ़ी है। जबकि केंद्र ने पिछले साल ‘राजकोषीय अनुशासन’ लाने के लिए बाजार से उधारी कम करने का लक्ष्य रखा था। फिर भी लोकसभा और कुछ जगहों पर विधानसभा चुनावों के चलते राज्यों ने ‘काम’ और ‘वादे’ समय पर पूरे करने के लिए बाजार से खूब पैसा जुटाया।
आरबीआई की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि 3 करोड़ की आबादी वाले छत्तीसगढ़ ने इस बार 26,213 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। यानी 28,500 करोड़ रुपये ज्यादा कर्ज लिया गया है. इसके साथ ही 24 करोड़ की आबादी वाले यूपी पर पिछले साल के मुकाबले 43,538 करोड़ रुपये ज्यादा कर्ज हो गया है.
इसके साथ ही पंजाब पर करीब 4 हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी कम हुआ है. पंजाब सरकार ने साल 2022-23 में बाजार से 33,660 करोड़ का कर्ज लिया और फिर साल 2023-24 में कर्ज लिया लेकिन रकम कम हो गई यानी साल 2023-24 में पंजाब सरकार ने कर्ज लिया 29,517 करोड़ रुपये का.
इस सूची में झारखंड एकमात्र राज्य है जिसने साल भर में कोई नया कर्ज नहीं लिया. उन्होंने 2,505 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है. गुजरात और पंजाब ऐसे राज्य रहे जहां पिछले साल की तुलना में कर्ज कम हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजकोषीय अनुशासन के लिए बाजार से कम उधार लेना जरूरी है। केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए बाजार से कम उधार लेने पर भी जोर दिया था।
