1 दिसंबर 2024 – स्वाति की कविता संग्रह “सोलो ट्रिप पर जाती सखी” में प्रत्येक कविता की अपनी विशेषता है, लेकिन कुछ कविताएं जैसे ‘बिंदु’, ‘सफ़ेद कमीज’, ‘समानांतर ब्रह्माण्ड’, ‘समयवाद’, ‘आधे रास्ते’, ‘हाईवे’, ‘अ वेन्ज़्डे’, ‘श्वास निधि’, ‘ज़बान’ और ‘थोड़ा अर्जेंट है’ विशेष रूप से पाठक पर गहरी छाप छोड़ती हैं। इन कविताओं में विचारों की विविधता और गहराई है, जो जीवन और अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं को नज़रअंदाज़ नहीं होने देती।
‘बिंदु’ कविता में स्वाति जीवन के हर छोटे-बड़े पल को मील के पत्थर के रूप में प्रस्तुत करती हैं, जो हमारे व्यक्तित्व को आकार देते हैं और हमें नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। कविता का अंत एक गहरे सवाल के रूप में होता है, जहां कवयित्री यह पूछती हैं कि हम किस बिंदु से जुड़ना चाहते हैं? यह सवाल न सिर्फ हमारे अस्तित्व, बल्कि हमारे रिश्तों और जुड़ाव के महत्व को उजागर करता है।
‘सफ़ेद कमीज’ कविता में स्वाति विरोधाभासों को एक साथ पेश करके यह बताती हैं कि किस तरह से दो विपरीत चीजें एक-दूसरे के पूरक हो सकती हैं। वहीं, ‘समयवाद’ कविता के माध्यम से कवयित्री ने कोरोना महामारी के दौरान समय के अर्थ और उसके साथ जुड़े आर्तनाद को चित्रित किया है, जो एक गहरे और चिंतनशील स्तर पर पाठक को सोचने पर मजबूर करता है।
‘समानांतर ब्रह्माण्ड’ कविता में एक पुरुष और एक महिला की दो अलग-अलग दुनिया को दर्शाया गया है। यहां पुरुष की व्यस्तता और स्त्री के इंतजार के बीच की खाई को बारीकी से उकेरा गया है। वहीं, ‘आधे रास्ते’ कविता में अपूर्णता और इंतजार का खूबसूरत मिलाजुला दृश्य देखने को मिलता है, जो जीवन के अधूरेपन को एक उत्सव के रूप में प्रस्तुत करता है।
‘हाईवे’ कविता में स्वाति ने मिलन के बाद के विषाद और वापसी की भावना को चित्रित किया है। यहां एक व्यक्ति के जीवन में लौटने का अनुभव उस पर गहरे असर डालता है और उसकी हर गतिविधि में प्रभाव डालता है।
इसके अलावा, ‘अ वेन्ज़्डे’ और ‘थोड़ा अर्जेंट है’ जैसी कविताएं जीवन के व्यस्त दिनचर्या में छोटे-छोटे पल चुराने की कोशिश करती हैं, वहीं ‘श्वास निधि’, ‘ज़बान’, और ‘सांस’ जैसी कविताएं स्वतंत्रता, संतुष्टि, और शारीरिक-मानसिक संघर्षों को बयां करती हैं।
स्वाति की कविताओं में सूक्ष्म से लेकर विराट विषयों पर गहरी छानबीन की गई है। उनकी लेखनी में संवेदनशीलता और एकाग्रता स्पष्ट रूप से झलकती है, जो उन्हें अन्य समकालीन लेखकों से अलग करती है। उनके अनुभव आधुनिक भारत में उभरे आर्थिक उदारीकरण के बाद की परिस्थितियों से जुड़े हैं, जिससे उनके लेखन में नयापन और ताजगी है।
स्वाति की अभिव्यक्ति में शालीनता और ठहराव है, चाहे वह विरोध, प्रेम, या विरक्ति का मामला हो। उनके लेखन में कोई चीख-पुकार या अत्यधिक भावुकता नहीं है, बल्कि एक शांत आत्मविश्वास की झलक मिलती है। यही गुण उनकी कविताओं को गहरे अर्थों से भरपूर बनाता है।
यह संग्रह स्वाति के जीवन के अनुभवों का संकलन है, जो पाठक को उनकी सोच और दृष्टिकोण के विस्तार से परिचित कराता है। अब, अगला कदम उनके लिए यह होगा कि वे अपने अगले कविता संग्रह में नए बिम्ब, विचार और अनुभव किस प्रकार प्रस्तुत करती हैं, क्योंकि यह ही उनकी कवि यात्रा को नई दिशा देगा।