• Mon. Dec 23rd, 2024

‘प्यासी नदी’ से शुरू होकर ‘किनारों के किस्सों’ पर खत्म होगा, रंगमंच पर रंगीन नाटकों का आयोजन

उदयपुर 14 दिसंबर 2024: झीलों की नगरी उदयपुर में सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने और नई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय “उदयपुर नाट्य रंग महोत्सव-2024” का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 13 से 15 दिसंबर, 2024 तक राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार में होगा.

कला को जन-जन तक पहुंचाना है उद्देश्य 
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से इसका आयोजन किया जा रहा है. पिछले 54 वर्षों से कला, साहित्य, और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत नाट्य संस्था इस महोत्सव का आयोजन कर रही है. संस्था के नाट्य निर्देशक सुनील टांक ने इस आयोजन के लिए कहा, यह महोत्सव उदयपुर के लिए सांस्कृतिक धरोहर के रूप में एक उपहार है और इसका उद्देश्य कला को जन-जन तक पहुंचाना है.

महोत्सव में रहने वाला है कुछ खास
इस नाट्य महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर की प्रस्तुतियां शामिल होंगी.
13 दिसंबर को प्रयागराज के हरमेंद्र सिंह के निर्देशन में नाटक “नदी प्यासी थी” का मंचन होगा.
14 दिसंबर को श्रीगंगानगर के विजय जोरा द्वारा निर्देशित “ये आदमी ये चूहे” नाटक का प्रदर्शन होगा.
15 दिसंबर को दिन में बीकानेर के नाट्य लेखक हरीश बी. शर्मा के साथ “रंग संवाद” होगा.
महोत्सव का समापन जयपुर के अभिषेक गोस्वामी के निर्देशन में नाटक “किस्से किनारों के” से होगा. इसके अलावा, स्थानीय कलाकार शैली श्रीवास्तव के निर्देशन में गणेश वंदना और विष्णु वंदना की ओडिसी नृत्य प्रस्तुति दी जाएगी.

सांस्कृतिक समागम के केंद्र में रहेगी फ्री एंट्री
महोत्सव में नाटक के साथ साहित्य, संगीत, नृत्य और चित्रकला जैसी विधाओं को भी मंच प्रदान किया जाएगा. यह आयोजन न केवल कला प्रेमियों के लिए बल्कि पूरे उदयपुर संभाग के लिए गौरव का विषय होगा. सह-संस्थापक शैलेंद्र शर्मा और रामेश्वर गौड़ ने बताया कि यह आयोजन सभी के लिए निशुल्क है.  इस कार्यक्रम को लेकर उदयपुर शहर के नाट्य मंचनों से जुड़े लोगों में काफी ज्यादा उत्साह है. काफी लंबे समय के बाद उदयपुर शहर में इस तरीके का खास आयोजन होने जा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *