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बागी अकालियों के हालात, खतरे में बादल की कुर्सी!

28 जून पंजाब: शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व को लेकर पार्टी के भीतर विद्रोह थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा, बीबी जागीर कौर और अन्य नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी अगली रणनीति की घोषणा की और कहा कि 1 जुलाई को वे श्री अकाल तख्त साहिब पर जाकर प्रार्थना करेंगे. लिखित में माफी मांगेंगे ताकि अकाली दल सुधर सके।

प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि अकाली दल में सुखबीर का नेतृत्व लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. इसका परिणाम लोकसभा चुनाव और पिछले चुनावों में देखने को मिला है. सुखबीर ने अकाली दल को टुकड़ों में बांट दिया है. अकाली नेताओं ने कहा कि सुखबीर को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए. धार्मिक और राजनीतिक सद्भाव वाला व्यक्ति ही अकाली दल का अध्यक्ष चुना जाएगा और जो अध्यक्ष होगा वह मुख्यमंत्री नहीं बनेगा.

वहीं, चंडीगढ़ मुख्यालय में बागी नेताओं पर अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत चीमा ने कहा कि राष्ट्रपति ने साफ कहा है कि मैं इस पद पर तभी रहूंगा जब आपको मुझ पर भरोसा होगा. जो लोग आज बाहर से कह रहे हैं कि हमें मुखिया नहीं बनना है, सेवा करनी है. लेकिन असल में वे सभी राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. जो लोग खालसा पंथ और पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे पहले ही झुंडन कमेटी की रिपोर्ट को खारिज कर चुके हैं। जिसमें एक परिवार को एक टिकट देने की बात थी.

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