6 जून पंजाब:लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) का 13-0 का दावा महज तीन सीटों पर सिमट गया। सीएम भगवंत अपने दो साल के कार्यकाल से इतने उत्साहित थे कि उन्हें पंजाब में फिर से जीत हासिल करने की प्रबल उम्मीद थी। इसलिए वे अंत तक 13-0 का दावा करते रहे।
वहीं जब नतीजे आए तो आम आदमी पार्टी को निराशा हाथ लगी. आप को सिर्फ तीन सीटें मिलीं. कांग्रेस को 7 और अकाली दल को एक सीट मिली. एक निर्दलीय उम्मीदवार ने दो सीटें जीतीं. यहां तक कि आम आदमी पार्टी के मंत्री भी चुनाव हार गए. अपने गढ़ दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी खाता नहीं खोल पाई. इसलिए कांग्रेस आलाकमान भी चिंतित है.
दरअसल, करीब ढाई साल पहले पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में आप ने 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में उसे 54 विधानसभा क्षेत्रों में सीधी हार का सामना करना पड़ा है. जबकि AAP को सिर्फ 32 सीटों पर जीत मिली है. इससे पार्टी नेता परेशान हैं. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक जिन सर्किलों में सीसा पाया गया है वो बहुत ज्यादा नहीं हैं. विपक्षी दलों का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है.
हार के कारणों को लेकर मंथन शुरू हो गया है. सीएम भगवंत मान कल अपने सभी विधायकों और संगठन के सदस्यों के साथ विधानसभा क्षेत्रवार बैठक करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अपनी इंटेलिजेंस विंग से लोकसभा चुनाव के दौरान विधायकों की भूमिका और चुनाव में कमियों पर रिपोर्ट मांगी है. बैठक से पहले यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंच जायेगी.
सूत्रों के मुताबिक यह बैठक 7 जून को तय की गई है. इसमें पार्टी के संगठन सचिव संदीप पाठक भी मौजूद रहेंगे. बैठक में उन कारणों को जानने की कोशिश की जाएगी, जिनकी वजह से पार्टी को इस स्तर पर नुकसान उठाना पड़ा है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय की टीमें भी अपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हैं. मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय के अधिकारियों को चुनाव के दौरान मिलने वाली शिकायतों और मांग पत्रों पर काम करने का भी आदेश दिया है.