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समय पर इलाज न मिलने पर बढ़ सकता है खतरा, चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा मरीज

चंडीगढ़ 20 अप्रैल 2025 देश में मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन से संबंधित फैटी लिवर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है लेकिन चंडीगढ़ के लोगों के लिए ये प्राब्लम चिंताजनक शक्ल ले चुकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के 38 प्रतिशत वयस्क फैटी लिवर से ग्रस्त हैं, जबकि चंडीगढ़ के व्यस्कों का 53.5 फीसदी हिस्सा इस बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी चुनौती ये है कि बच्चों और युवाओं में यह समस्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। यह कहना है पी.जी.आई. गैस्ट्रोएंटरोलजी विभाग के पूर्व हैड डा राकेश कोच्छर का। 

शराब ही नहीं जंक फूड से बढ़ी प्राब्लम 

डॉ. राकेश कोच्छर बताते हैं कि अब उन लोगों में भी लिवर की गंभीर समस्याएं आ रही हैं जिन्होंने कभी शराब का सेवन तक नहीं किया। इसका मुख्य कारण जंक फूड है, जिसमें अत्यधिक मात्रा में बीमारी की मुख्य कारण वसा और चीनी पाई जाती है। उन्होंने बताया कि फैटी लिवर की बीमारी तब होता है जब शराब के सेवन के बिना ही लीवर में 5 प्रतिशत से अधिक वसा जमा हो जाती है। यह साइलैंट महामारी के रूप में उभर रही है क्योंकि अधिकतर मरीजों में तब तक लक्षण नहीं दिखते, जब तक लीवर काफी क्षतिग्रस्त न हो जाए। 

नियमित लिवर जांच जरूर करवाएं 

डॉक्टरों की माने तो मोटापा, डायबिटीज या अस्वस्थ आहार लेने वाले लोगों को नियमित लिवर जांच अवश्य करानी चाहिए क्योंकि लिवर की बीमारी चुपचाप बढ़ सकती है। फैटी लिवर के अलावा लीवर की अन्य बीमारियों के मुख्य कारणों में ज्यादा शराब, हर्बल दवाओं का दुरुपयोग और हैपेटाइ‌टिस वायरस शामिल हैं। अगर इनका समय पर इलाज न हो तो यह आगे चलकर लिवर कैंसर का रूप ले सकती हैं। सिरोसिस क्रोनिक लिवर की बीमारी का अंतिम चरण होता है। मरीज जब डॉक्टर के पास आते हैं, तब तक उनका लिवर काफी हद तक खराब हो चुका होता है।

4 बातों से स्वस्थ रह सकता है लिवर 

इस वर्ल्ड लीवर डे पर डॉक्टरों ने संदेश दिया कि लीवर की देखभाल केवल बीमारियों से नहीं, बल्कि जीवनशैली के सुधार और नियमित जांच से की जा सकती है। फैटी लिवर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय रहते कदम उठाना अब पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए चार जरूरी बातें हैं। सही और संतुलित खाना खाएं। प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा चीनी और शराब से बचें। शराब पूरी तरहछोड़ दें। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें। रोजाना व्यायाम करें इससे खून का प्रवाह बेहतर होता है और लिवर में जमा चर्बी कम होती है। हैपेटाइटिस बी और सी की जांच जरूर कराएं। 

डायबिटीज में भी पीछे नहीं शहर 

पी.जी.आई. स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के डॉ जे.एस. ठाकुर कहते हैं कि पिछले कुछ साल से चंडीगढ़ में डायबिटीज एक बड़ी नॉन कम्युनिकेबल बीमारी के रूप में उभर रही है। एक बार डायबटिज डायग्नोज होने पर मरीज को उम्र भर मेडिकेशन पर रहना पड़ता है। इलाज के बावजूद इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। पी.जी.आई. के इंडोक्रोनोलॉजी डिपार्टमेंट और इंडियन काउंसिल ऑफ मैडीकल रिसर्च (आई.सी.एम.आर.) की एक रिसर्च कहती है कि देश में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भी चंडीगढ़ में है। यह आंकड़ा देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

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