18 अगस्त 2024 : हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन इससे पंजाब में कामकाज प्रभावित होना तय है।
ऐसा इसलिए क्योंकि आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई के पास एक भी प्रचारक ऐसा नहीं है जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस और चौटाला परिवार की दो विभिन्न पार्टियों के नेताओं के खिलाफ खुलकर लड़ाई लड़ सके।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ऐसा कर सकते थे लेकिन उनके जेल में होने के कारण पूरी जिम्मेदारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के कंधों पर आ गई है। आम आदमी पार्टी के पास हरियाणा में प्रचार के लिए बड़े चेहरों की कमी खल रही है। पार्टी , मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा मंत्रियों और विधायकों की ड्यूटी भी हरियाणा की सीटों पर लगाने की तैयारी कर रही है।
अगले डेढ़ महीने तक कटेंगे कई चक्कर
मुख्यमंत्री ने प्रचार अभियान शुरू कर दिया है और वह कई सीटों पर जा भी चुके हैं। साफ है कि अगले डेढ़ महीने तक उनके कई और चक्कर हरियाणा में लगेंगे।
आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया भी अब जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं। उनसे पहले संजय सिंह भी जमानत पर बाहर आ गए थे। इन दोनों नेताओं के आने से पार्टी को एक बड़ी राहत जरूर मिली है।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में पंजाब का मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के लिए इस तरह प्रचार में जुटे। इससे पहले कांग्रेस के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह भी जाते रहे हैं। लेकिन उनका प्रचार बहुत सीमित होता रहा है और वह केवल उन्हीं सीटों पर गए हैं जो जट्ट सिख बहुल हैं ।
अकाली दल का रुख क्लियर नहीं
शिरोमणि अकाली दल-भाजपा की सरकार के दौरान प्रकाश सिंह बादल भी हरियाणा में प्रचार के लिए जाते रहे हैं। लेकिन उनका प्रचार अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा के लिए न होकर चौटाला परिवार की इंडियन लोकदल के लिए होता रहा है।
भाजपा ने इसको लेकर कई बार ऐतराज भी जताया है लेकिन प्रकाश सिंह बादल का खुलकर विरोध करने में भी भाजपा के नेता कतराते रहे हैं। इस बार शिरोमणि अकाली दल का हरियाणा में चुनाव लड़ने को लेकर क्या रुख रहेगा, यह पार्टी ने भी स्पष्ट नहीं किया है। इस बात की संभावना काफी कम है कि पार्टी अपने स्तर पर चुनाव लड़े।
