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सरकारी गवाहों की गैरमौजूदगी से केस में देरी, जमानत पर सरकार का विरोध नहीं

06 अगस्त 2024 : एनडीपीएस के मामले में आरोपी को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि अभियोजन पक्ष के गवाहों की लगातार अनुपस्थिति के कारण ट्रायल लटकता है तो सरकार आरोपी की जमानत का विरोध नहीं कर सकती है। 

हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब में नशे की समस्या बेहद गंभीर है और ऐसे में एनडीपीएस के मामलों में गवाहों की अनुपस्थिति चिंता का विषय है। 

जालंधर निवासी मनप्रीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जालंधर में 13 सितंबर, 2022 को एनडीपीएस मामले में नियमित जमानत की मांग की थी। एफआईआर के अनुसार याची अपनी कार में तीन किलोग्राम अफीम के साथ पकड़ा था। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि अप्रैल, 2023 में आरोप तय होने के बाद, अभियोजन पक्ष के गवाहों की गैरहाजिरी के कारण केस की सुनवाई को बार-बार स्थगित किया गया था।

अभियोजन पक्ष के सभी गवाह पुलिसवाले हैं और उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के बावजूद वे गवाही के लिए उपस्थित नहीं हुए। याचिकाकर्ता सितंबर, 2022 से हिरासत में है और निकट भविष्य में केस का निपटारा होने की कोई संभावना मौजूद नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा कि एक अन्य मामले में पंजाब सरकार ने 2023 में कोर्ट को सूचित किया था कि उसने पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे एनडीपीएस मामलों में गवाह के रूप में पेश होने के लिए निचली अदालत से एक से अधिक स्थगन की मांग न करें। इसके बाद भी वर्तमान मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों की लगातार अनुपस्थिति चिंताजनक है। यदि अभियोजन पक्ष के गवाह बिना किसी वैध कारण के अनुपस्थित रहते हैं, तो यह इस समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को गंभीर रूप से कमजोर करता है।

कोर्ट ने कहा कि चूंकि अभियोजन पक्ष के गवाहों की बार-बार और लगातार गैरहाजिरी के कारण मुकदमे में देरी हुई है, इसलिए राज्य याचिकाकर्ता की जमानत की प्रार्थना का उचित रूप से विरोध नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता को अभियोजन पक्ष के गवाहों की उपस्थिति की प्रतीक्षा करते हुए अनिश्चितकाल तक हिरासत में नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि यह निस्संदेह उसके जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा।

कोर्ट ने कहा इस बार-बार होने वाली समस्या के कारण, पहले भी इस कोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को उपस्थित होकर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया था। डीजीपी ने इस न्यायालय को विश्वास दिलाया था कि आगे चलकर ऐसी शिकायतें बंद हो जाएंगी।

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