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पंजाब में 27 साल का रिकॉर्ड टूटा, भारी बारिश का कहर

पंजाब 05 सितंबर 2025 : 1998 के बाद इस साल पंजाब में बारिश और बाढ़ के कारण भयावह स्थिति पैदा हो गई है। पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पंजाब में अगस्त महीने में 27 सालों में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। अगस्त में 253.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो लंबे समय के औसत 146.2 मिलीमीटर से 74 प्रतिशत ज्यादा है।

बताया जा रहा है कि 1988 में सिर्फ चार दिनों में यानी 22 से 26 सितंबर के बीच भाखड़ा के नजदीकी इलाके में 634 मिलीमीटर बारिश हुई थी। डैम से छोड़े गए पानी के कारण नदियों के बांध टूट गए थे। इस दौरान कुल 12,989 गांवों में से करीब 9,000 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए और 2,500 से ज्यादा गांव पूरी तरह डूब गए या बह गए। 34 लाख लोग प्रभावित हुए, लगभग 1,500 लोगों की मौत हो गई और 500 लापता हो गए। हाल ही में आई बाढ़ से निपटने के लिए जहां अमीर लोग और प्रवासी भारतीय मदद के लिए आगे आए हैं, वहीं सरकार ने केंद्र से अपने हिस्से के बकाया फंड के साथ-साथ नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक मदद की भी अपील की है।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) पुणे द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 1988 में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश और बिहार में आई बाढ़ उस साल की चार सबसे विनाशकारी मौसमी घटनाओं में से एक थी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान आया, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भयंकर गर्मी पड़ी औमुरम्मत कार्यों के लिए मिला कम समय
र जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी भी हुई। 22 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून पंजाब में पहुंचा। सरकार ने 23 जिलों में 2,800 किलोमीटर तक बांधों की मरम्मत और नालों की सफाई के लिए 117 करोड़ रुपये जारी किए थे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आपदा से पहले बचाव कार्यों के लिए 30 जून की समय सीमा बहुत कम थी।

1901 के बाद 13वीं सबसे ज्यादा बारिश
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब समेत उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त महीने में 265 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद सबसे ज्यादा है और 1901 के बाद 13वीं सबसे ज्यादा है।पंजाब में 1 जून से 30 अगस्त के बीच 443 मिलीमीटर बारिश हुई, जो पूरे मानसून सीजन की औसत बारिश से पहले ही ज्यादा है। सबसे ज्यादा मौतें पठानकोट में हुई हैं। जिन अन्य जिलों में मौतें हुईं उनमें अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा, रूपनगर, बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर शामिल हैं। 1 अगस्त से शुरू हुए एक महीने की अवधि में कम से कम 12 जिलों में लगभग 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अकेले फिरोजपुर में 107 गांवों में करीब 45,000 लोग प्रभावित हुए हैं।

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