पुणे/मुंबई 26 जुलाई 2025 : अमेरिकी नागरिकों को “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए CBI ने पुणे और मुंबई में छापेमारी की। इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और एक बैंक अधिकारी पर भी मामला दर्ज किया गया है। मुंबई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को 30 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला?
- प्रत्येक महीने 3-4 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी की जाती थी।
- गिरोह IRS, USCIS और भारतीय उच्चायोग के अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों को धमकाता था कि वे कानूनी कार्रवाई की चपेट में हैं।
- इसके बाद पीड़ितों से $500 से $3000 तक की रकम गिफ्ट कार्ड या बिटकॉइन ट्रांसफर के जरिए वसूली जाती थी।
CBI की छापेमारी में क्या मिला?
- पुणे के 7 ठिकानों पर छापे मारे गए।
- 27 मोबाइल फोन, 17 लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद।
- एक आरोपी के पास से 1.6 लाख रुपये नकद और 150 ग्राम नशीला पदार्थ मिला।
- एक अन्य के घर से 9.5 लाख रुपये कैश, और एक के मोबाइल में 6.94 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी मिली।
हवाला नेटवर्क भी सक्रिय
- कर्मचारियों को वेतन हवाला के जरिए अमेरिका, महाराष्ट्र और गुजरात से दिया जाता था।
- कॉल सेंटर कर्मचारियों को विदेशी नागरिकों के नंबर व्हाट्सऐप या सिग्नल जैसे ऐप्स पर भेजे जाते थे, जिससे वे टोल-फ्री नंबरों से कॉल करके उन्हें डराने का काम करते थे।
बैंकों की मिलीभगत
- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले गए, जिसमें कुछ बैंक अधिकारी भी शामिल पाए गए हैं।
- ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के जरिए इधर-उधर किया जाता था।
