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MLA रमन अरोड़ा की लीक ऑडियो से हड़कंप, गुड़मंडी का मामला भी आया सामने

जालंधर 31 मई 2025 : आटारी बाजार की दुकानों के निर्माण कार्य को लेकर विधायक रमन अरोड़ा द्वारा ली लाखों की रिश्वत की ऑडियो काॅल लीक हो गई है। 41 सैंकेंड की ऑडियो में रमन अरोड़ा ने सामान (पैसों) समय पर न आने का हवाला देते सुनाई दे रहे हैं। आटारी बाजार के दुकान मालिक ने कुल दो ऑडियो माननीय अदालत में पेश की हुई है और इसी के साथ साथ 164 के बयान भी दर्ज करवाए हैं।

इसके अलावा अब रमन अरोड़ा के गुड़मंडी के किस्से भी सामने आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने जब प्लास्टिक के लिफाफे बैन करने के आदेश जारी किए थे तो रमन अरोड़ा ने समय भांपते हुए गुड़ मंडी में जितने भी दुकानदार थे, उनका ट्रैप लगा लिया। पहले तो गुपचुप तरीके से वहां रेड करके सभी दुकानदारों से लाखों रुपयों की डील करके उन्हें छुड़वा लिया और बाद में प्रति माह पैसे देने की बात करके उनसे सैटिंग कर ली। उन्हें भी भरोसा दिया कि अगर कोई रेड करने आया तो वह संभाल लेंगे। इस तरह की बातें सामने आने के बाद ऐसा लग रहा है कि रमन अरोड़ा ने किसी भी फील्ड के कारोबारी को नहीं बक्शा।

उधर रामामंडी का कमाऊ पुत्र वहीं की रहने वाली नशा तस्कर बंटी से भी महीना लेकर रमन अरोड़ा तक पहुंचाता था। अरोड़ा के अधीन आते थानों के एस.एच.ओ. और स्टाफ भी परेशान था। अगर वह कानून के अधीन आकर काम करते थे तो विधायक धमकाता था। अगर विधायक के कहने पर काम करते तो कानून के पेंचे का डर था। हालांकि अब सैंट्रल हलके के थानों के प्रभारियों ने राहत की सांस ली है, लेकिन थानों में इतनी दखल अंदाजी पहले कभी नहीं होती थी। ज्यादातर एस.एच.ओ. खुद की ट्रांसफर रुकवाने या फिर बदनामी के डर से विधायक के कहने पर ही काम कर देते थे, जिसका सीधा असर पुलिस विभाग की छवि पर पड़ता और कमाई विधायक कर जाता था।

लीक हुई ऑडियो के अंश

दुकान मालिक: हांजी की क्या हाल है सर..विधायक रमन अरोड़ा: ठीक है सर, ठीक है सर, ठीक है सर, सर, सर, सर,।

दुकान मालिक: मै केहा ,फेर आए सी कॉर्पोरेशन वाले

विधायक रमन अरोड़ा: मैं केहा, मैं कह दिन्ना दोबारा कह दिन्ना, हुणे कह दिन्ना।

दुकान मालिक: कह देयो सर, तवाड़े नाल अपनी किद्दा हो गई हैं तुसीं जदों आंदे हो तां असीं बैठ्ठे ही आं तुहाड़े नाल।

विधायक रमन अरोड़ा: विनती सिर्फ ऐन्नी सी कि मैं औहणा नूं कह के चला के चला गया, आर्डर सी सवेरे तुसी सामान कर दिंनदे ( यहां विधायक कुछ लड़खड़ाते बोले) ता मैं सवेरे निकल गया था। हुण मेनू नई सी न पता… चलो कोई न मैं ओहणू कह दिंदा।

दुकान मालिक: ऐदां हैं न 5 लक्ख रुपए तुहाणू पेहला भेजिया सी, तुहाड़े नाल कित्ता होइया है…कोई गल नहीं तुसीं कह दईयों।

विधायक रमन अरोड़ा: कह दिन्ना कह दिन्ना कह दिन्ना। (रमन अरोड़ा तब तक यह शब्द बोलते रहे जब तक पैसों की बात हुई ताकि बात क्लीयर न सुनाई दें, इसके बाद विधायक ने फोन काट दिया।

प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम का क्लर्क निकला पूर्व पार्षद का राजदार
प्रधानमंत्री 
अवास योजना में शहर के पूर्व पार्षद का राजदार नगर निगम का क्लर्क निकला है। क्लर्क ही पूर्व पार्षद को फंड रिलीज होने की जानकारी देता था, जिसके बाद उसका पी.ए. बैंक जाकर स्कीम लेने वाले लोगों से लिए चैक में अमाउंट भर कर पैसे निकलवा लेता था। यहीं नहीं क्लर्क इस बात पर भी नजर रखता था कि पूर्व पार्षद द्वारा जिन-जिन घरों को फंड जारी करवाए हैं, उनको लेकर किसी ने आर.टी.आई. तो नहीं डाली। अगर कोई आर.टी.आई. डालता था जो ज्यादातर उन घरों का डाटा नहीं दिया जाता था और को न कोई बहाना बना दिया जाता था। विजीलैंस की टीम अगर पूर्व पार्षद द्वारा किए घोटाले की जांच करे तो केंद्र की इस स्कीम में हुए भष्ट्राचार को जड़ से निकाला जा सकता है। हालांकि इस केस को लेकर विजीलैंस दफ्तर में फाइल पैडिंग लिस्ट में पड़ी हुई है।

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