10 अप्रैल 2025 : बहुत से लोग जाने-अनजाने कुछ ऐसी आदतों को अपनाते हैं जो बाद में उनके जीवन में दुःख, परेशानियां और कष्टों का कारण बन जाती हैं. इन्हीं आदतों में से एक है सोते समय अपने सिरहाने पीने का पानी रखना. जल का उपयोग सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक संतुलन के लिए भी किया जाता है. अगर जल दूषित हो जाए या वास्तु शास्त्र के अनुसार उसका स्थान सही न हो तो जीवन में कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं. सिरहाने पानी रखने की आदत डिप्रेशन तक का कारण बन सकती है. इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री अंशुल त्रिपाठी.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह समस्या चंद्र तत्व से जुड़ी हुई है. चंद्रमा मन का कारक है और जल पर उसका स्वामित्व है. मानव शरीर का अधिकांश भाग पानी से बना है. यह जल न केवल हमारे शरीर को चलाता है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन में भी भूमिका निभाता है.
बन सकता है डिप्रेशन का कारण
अधिकतर लोग सोते समय अपने तकिये के पास पानी रख लेते हैं और रात में उठकर उसी को पीते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार ये एक छोटी सी आदत तनाव, नींद में बाधा, बुरे सपने, चिंता, डिप्रेशन का कारण बन सकती है.
जल रात्रि के समय हमारे सिरहाने रहता है तो उसमें हमारी नकारात्मक तरंगें प्रवेश कर जाती हैं. जब हम उसी जल को पीते हैं तो इसका असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. यही कारण है कि वास्तु शास्त्र कहता है कि रात को सोते समय पानी को सिरहाने नहीं रखना चाहिए.
अगर आप तनाव या डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, तो आज़माइए ये उपाय.
उसे अपने सिरहाने रखकर रात भर सो जाएं.
एक चांदी का बाउल में पानी भरें.
उसमें एक बूंद दूध की डालें.
सुबह वॉशरूम जाने या कुल्ला करने से पहले उस पानी को किसी कांटेदार पौधे, जैसे एलोवेरा या सफेद गुलाब के पौधे में डाल दें. ध्यान रखें कि उस पानी को कभी भी तुलसी, पीपल या किसी धार्मिक पौधे में न डालें. इस उपाय से न सिर्फ मानसिक संतुलन सुधरेगा बल्कि डिप्रेशन और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होगी.