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स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्यूपंचर को दी मान्यता, हेल्थ केयर सिस्टम में शामिल

2 अक्टूबर 2024 : वर्षों से एक्यूपंक्चर को भारत में मान्यता दिलाने के संघर्ष में जुटे एक्यूपंचर विशेषज्ञों की मेहनत रंग लाई। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आखिरकार एक्युपंचर चिकित्सा पद्धति को मान्यता दे दी है। भारत सरकार ने इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस पर अपनी मोहर लगा दी है कि नेशनल कमीशन फार एलाइड साइंस के तहत लोगों की हेल्थ केयर के लिए काफी लाभदायक होगा।

जानकारी देते डा. इंद्रजीत सिंह ढींगरा, डा. रमन कपूर व डा. अनिश गुप्ता ने भारत सरकार के स्वास्थय मंत्री जेपी नड्‌डा व लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में पहले ही अपने विचार प्रकट कर चुके हैं कि रिवायती चिकित्सा पद्धतियों द्वारा भारत की जनता को अच्छा व सस्ता इलाज मुहैय्या करवाने के लिए एक्यूपंचर एक अहम भूमिका निभा सकता है। 

कानूनी तौर पर कर सकते हैं प्रैक्टिस, विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही दे चुका था स्वीकृति
उन्होंने आगे बताया कि इस नोटिफिकेशन के बाद अब एक्यूपंचर प्रोफेशनल को न केवल कानूनी तौर पर प्रैक्टिस करने का अधिकार हासिल होगा। बल्कि एक्यूपंचर के पूर्ण विकास के लिए डिप्लोमा व डिग्री कालेज खुलने का रास्ता भी साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि एक्यूपंचर चिकित्सा पद्धति को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 1979 में मान्यता दे दी थी।  डा. सिहं ने बताया कि इससे पहले 1996 में वेस्ट बंगाल व 2017 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा पूर्ण रूप से एक्यूपंचर इलाज प्रणाली को मान्यता दी जा चुकी है। डा. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उन्हें 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मनीला में हुई इंटरनेशनल कांफ्रेंस में वर्ल्ड फेडरेशन आफ एक्यूपंचर सोसायटी के प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। इस कांफ्रेंस का मुख्य मकसद  साल 2030 तक पूरे विश्व के लोगों के लिए सबके लिए स्वास्थ्य उपलब्ध करवाना था तथा इसी कांफ्रेंस में अन्य रिवायती चिकित्सा प्रणालियों में से पूर्ण रूप से एक्यूपंचर को मुख्य माना गया जोकि उनके उपरोक्त उद्देश्य को पूरा करने में अहम निभा सकता है। 

कौन सी बीमारियों का सुगमता से हो सकेगा इलाज
डा. इंद्रजीत सिंह ढींगरा ने बताया कि इस चिकित्सा पद्धति के जरिये साधारण बीमारियों मांसपेशियों व जोड़ों में समस्याएं,  डिप्रेशन, माइग्रेन, सांस की तकलीफ, दमा, त्वचा, पाचन प्रक्रिया आदि से लेकर गंभीर बीमारियों अधरंग, पैरालाइसिस, सेरेब्रल पालिसी, मानसिक रोग व नशों की समस्या आदि का इलाज बिना दवा, बिना आपरेशन के किफायती खर्च पर होता है। उन्होंने बताया कि एक्यूपंचर के विकास व प्रसार से भारत सरकार का स्वास्थ्य से संबंधित बजट को बौझ भी कम हो सकेगा।

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