18 अगस्त 2024 : वंदे भारत ट्रेन के बाद अब देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन दौड़ने के लिए तैयार है। रेल डिब्बा कारखाना (आरसीएफ) कपूरथला में निर्मित वंदे मेट्रो ट्रेन के 16 कोचों का प्रोटोटाइप रैक इसी माह रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) को सौंपा जाएगा।
आरडीएसओ कुछ समय वंदे मेट्रो ट्रेन का विभिन्न रेल पटरियों पर ट्रायल करेगा तथा परीक्षण सफल होने पर इसे भारतीय रेल यात्रियों के लिए उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
वंदे भारत की तरह डिजाइन है वंदे मेट्रो
आरडीएसओ रेल मंत्रालय का तकनीकी मामलों में परामर्शदाता संगठन है। भारत की इस पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन को आरसीएफ के कुशल इंजीनियरों व कर्मचारियों ने वंदे भारत की तरह ही डिजाइन किया है।
16 डिब्बों के रैक वाली इस वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और आने वाले कुछ दिनों में केंद्र सरकार में पंजाब से संबंधित एक प्रतिनिधि की ओर से प्रोटोटाइप रैक रवाना किया जाएगा।
4,364 यात्री कर सकेंगे सफर
आरसीएफ के महाप्रबंधक मंजुल माथुर का कहना है कि वंदे मेट्रो ट्रेन 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी यात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन की गई है।
वंदे मेट्रो ट्रेन 16 वातानुकूलित डिब्बों वाली ट्रेन होगी जिसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रतिघंटा रहेगी। हर कोच में 280 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है।
इनमें 100 यात्री बैठ सकेंगे और 180 यात्री खड़े होकर सफर कर सकेंगे। पूरी ट्रेन में कुल 4,364 यात्री आसानी से सफर कर सकेंगे।
वंदे मेट्रो में हैं ये सुविधाएं
3 गुणा 3 बेंच-टाइप सिटिंग अरेंजमेंट अधिकतम यात्रियों को आरामदायक सफर का लुत्फ उठाने में मदद करेगी। यात्री संचार को वरीयता देते हुए वंदे मेट्रो कोच एमरजेंसी की स्थिति में ट्रेन चालक से संवाद करने के लिए टाक बैक सिस्टम से लैस होंगे।
हर कोच में 14 सेंसर के साथ आग व धुएं का पता लगाने वाले सिस्टम लगाए गए हैं ताकि ट्रेन में किसी प्रकार के उठने वाले धुएं का तुरंत पता चल सके। दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए कोचों में व्हील-चेयर सुलभ शौचालय की सुविधा भी रहेगी।
कवच प्रणाली से लैस होगी वंदे मेट्रो
जीएम माथुर ने बताया कि ट्रेन कवच प्रणाली से लैस होगी जिसे टकराव को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में नौ और वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण होगा।
