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जालंधर निगम में करोड़ों का घोटाला, चंडीगढ़ भेजी फाइल, जांच शुरू

जालंधर 31 जुलाई 2024 : जालंधर वैस्ट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने और यहां से सत्तापक्ष यानी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महेंद्र भगत के जीत जाने से जहां पंजाब सरकार ने राहत के सांस ली है, वहीं अब इस उपचुनाव दौरान पैदा हुई विभिन्न परिस्थितियों को लेकर अब मंथन चल रहा है और कई प्रशासनिक फैसले लिए जा रहे हैं। खास बात यह है कि उपचुनाव दौरान वैस्ट विधानसभा क्षेत्र का काफी बुरा हाल था क्योंकि जालंधर निगम ने लंबे समय से इस क्षेत्र को इग्नोर कर रखा था।

जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया तो जालंधर की अफसरशाही को काफी मुश्किलें आईं। उपचुनाव दौरान सी.एम और अन्यों को पता चला कि वैस्ट विधानसभा क्षेत्र की सीवर समस्या काफी विकराल रूप धारण कर चुकी है और इस क्षेत्र की करीबन हर गली में गंदा पानी खड़ा है। तब सीवर और पानी को लेकर लोगों की शिकायतें इतनी थीं कि अकेले जालंधर निगम के अधिकारियों के लिए उनका हल कर पाना असंभव सा था। ऐसे में लोकल बाडीज विभाग के डायरैक्टर ने जालंधर निगम की कमान अपने हाथों में ले ली जिन्होंने वैस्ट क्षेत्र में सफाई इत्यादि के विशेष अभियान चलवाए। इस कार्य में अमृतसर, लुधियाना, भटिंडा व अन्य शहरों से आई मशीनरी का भी प्रयोग किया गया। चुनावों दौरान यह बात प्रमुखता से सामने आई कि जालंधर निगम ने पिछले सालों दौरान सुपर सक्शन मशीनों से सीवर लाइनों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए, फिर भी सीवरेज समस्या बरकरार है। लोकल बाडीज के साथ साथ जालंधर निगम के वर्तमान अधिकारी भी यह मानकर चल रहे हैं कि अगर सुपर सक्शन मशीनों से सफाई का काम सही ढंग से हुआ होता तो आज वैस्ट के यह हालात न होते। ऐसे में जालंधर में पिछले दो सालों दौरान सुपर सक्शन मशीनों के नाम पर हुई सफाई के मामले को जांच हेतु चुना गया और निगम अधिकारियों ने इस मामले में रिपोर्ट तैयार करके चंडीगढ़ भेज दी है। जालंधर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अब इस मामले में अंतिम फैसला लोकल बाडीज के चंडीगढ़ बैठे अधिकारियों ने लेना है। यह भी संभव है कि जालंधर में सुपर सक्शन मशीनों का यह ताजा घोटाला स्टेट विजीलेंस को सौंपा जा सकता है।

‘आप’ सरकार के कार्यकाल दौरान ही बना दिए गए 15 करोड़ रुपए से ज्यादा के बिल
जालंधर निगम के कमिश्नर के ध्यान में अब यह आया है कि पिछले 2 सालों (2022-23,2023-24) दौरान ही सुपर सक्शन मशीनों के नाम पर सफाई के मामले में 15 करोड़ रुपए से ज्यादा के बिल बना दिए गए और ठेकेदारों को पैमेंट भी कर दी गई। इन दो सालों दौरान पंजाब में आप सरकार है और शायद ही आम आदमी पार्टी के किसी नेता को इसकी जानकारी है कि सुपर सक्शन के नाम पर जालंधर निगम इतना तगड़ा बिल बना चुका है। ऐसे बिल 15.44 करोड़ के बताए जा रहे हैं। खास बात यह है कि पंजाब और जालंधर निगम में जब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी तब भी कांग्रेसियों को खुश करने के लिए उस समय के निगम अधिकारियों ने सुपर सक्शन मशीनों के करोड़ों रुपए के टेंडर लगाए थे। माना जा रहा है कि यदि अब पंजाब सरकार पिछले 7-8 सालों दौरान जालंधर में सुपर सक्शन के नाम पर हुए कामों की विजिलेंस से जांच करवाती है तो संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

गदईपुर में पिछले एक महीने से जाम है सीवर, कोई सुनवाई नही
नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र में सुपर सक्शन मशीनों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं परंतु फिर भी इस विधानसभा क्षेत्र के कई मोहल्ले गंदे पानी में डूबे रहते हैं। इन दिनों गदईपुर में भी सीवरेज जाम की समस्या सामने आ रही है। यहां अंबेडकर भवन के पीछे पड़ते मोहल्ले में सीवरेज पिछले करीब एक महीने से जाम है जबकि दकोहा और साथ लगती भुल्लर कालोनी का तो बुरा हाल है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बीमारियां फैलने का खतरा है परंतु जालंधर निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।


नरक जैसी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं गांव धन्नोवाली के लोग
केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र के तहत आते धन्नोवाली गांव में सीवरेज समस्या हल होने का नाम नहीं ले रही। पता चला है कि अब वहां पानी निकासी हेतु लगाई गई मोटर फिर खराब हो गई है जिस कारण धन्नोवाली में गुरु घर के आसपास का क्षेत्र और कई गलियां गंदे पानी में डूब गई हैं। लोगों को सीवरेज के पानी में से गुजर कर आना जाना पड़ रहा है। क्षेत्र निवासी अमन धन्नोवाली ने कहा कि इस क्षेत्र में गुरु घर होने के साथ-साथ स्कूल और लाइब्रेरी तथा असंख्य लोगों के घर हैं परंतु फिर भी नगर निगम के अधिकारी इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे।

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