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भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की ओर से नशे के खिलाफ पाठ्यक्रम शुरू; ‘नशे के खिलाफ जंग’ के तहत स्कूलों में पढ़ाया जाएगा पाठ्यक्रम

•⁠ ⁠नशे के खिलाफ जंग में नया अध्याय
•⁠ ⁠नौंवी से बारहवीं तक के आठ लाख छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम
•⁠ ⁠नशे के खतरों के खिलाफ अन्य राज्य पंजाब का मॉडल अपनाएंगे: केजरीवाल
•⁠ ⁠राज्य को नशा मुक्त बनाएं पंजाबी
•⁠ ⁠मुख्यमंत्री की ओर से राज्य में नशे के प्रसार के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया
•⁠ ⁠नशे के कारोबार में शामिल बड़ी मछलियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया

अरनिवाला (फाजिल्का), 1 अगस्त

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज एक अनुकरणीय पहल के तहत आठ लाख छात्रों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से ‘नशे के खिलाफ जंग’ के तहत स्कूली पाठ्यक्रम शुरू किया।

सभा को संबोधित करते हुए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि पंजाब के इस सीमावर्ती जिले से नशे के खिलाफ जंग में एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पंजाब की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है और राज्य सरकार की ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तीसरे चरण के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए सभी सरकारी स्कूलों में विशेष पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से इन कक्षाओं के आठ लाख छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा और नशीले पदार्थों से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि इस कार्यक्रम में 3658 स्कूलों को शामिल किया जाएगा और छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध वैज्ञानिक इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में 35 मिनट के सत्र शामिल हैं, जो 27 सप्ताह तक पखवाड़े के आधार पर आयोजित किए जाएंगे और इनमें वृत्तचित्र, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर और विचार-विमर्श गतिविधियां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि इन सत्रों में नशे से संबंधित मिथकों, नशे को ना कहने की रणनीतियों और सहपाठियों के दबाव को नकारने की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नशे के खिलाफ जंग शुरू कर रखी है और इस पहल के तहत 15 हजार तस्करों को जेल में डाला गया है, उनकी संपत्तियां जब्त की गई हैं और एक हजार किलो से अधिक हेरोइन बरामद की गई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अवैध कारोबार से बनाई गई तस्करों की संपत्ति को ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कारोबार के सबसे कुख्यात सरगना को राज्य की ईमानदार सरकार ने सलाखों के पीछे डाला है।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि यह कितनी बड़ी त्रासदी है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इस नशा कारोबारी के पक्ष में आ गई हैं, जिससे उनका घृणित चेहरा उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक पार्टियां नशे के कारण राज्य की दुर्दशा पर तो चुप हैं, लेकिन नशे के सरगना का समर्थन कर रही हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘नशा विरोधी यात्रा’ 10 हजार से अधिक गांवों और वार्डों में पहुंच चुकी है और इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि प्रत्येक युवा की यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य सरकार की इस अनूठी और महान पहल का समर्थन करे। उन्होंने कहा कि युवाओं को सहपाठियों के दबाव में नशे का पहली बार स्वाद लेने के लिए नहीं झुकना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए घातक हो सकता है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह हम सभी के लिए नशे के खिलाफ जंग में शामिल होने का सही समय है। उन्होंने कहा कि नशा छोड़ने वाले पीड़ितों के पुनर्वास की कोशिशें भी चल रही हैं ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी राज्य या देश नशे के खतरे से अछूता नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी राज्य नशे की जड़ें काटने के लिए ऐसी जागरूकता मुहिमें चलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पंजाब अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने के नाते तस्करों के लिए रास्ता बन गया है।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने दृढ़ता से कहा कि पंजाब के लोगों ने एकजुट होकर अपने समाज को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तस्करों के खिलाफ सख्ती से शून्य सहनशीलता नीति अपनाई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि समाज को जहर देकर आलीशान घरों में विलासिता का आनंद लेने वाले तस्कर हमारे लोगों के असली दुश्मन हैं और राज्य सरकार इन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की अभूतपूर्व कोशिशों से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने कहा कि अब छात्र निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा झलकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ इस तरह के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पंजाब को ऐसी परिस्थितियों में फंसा दिया गया है, जिसके कारण यह कार्यक्रम जरूरी हो गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों ने पंजाब के माथे पर नशे का दाग लगा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का कार्यकाल संभालने के बाद हमें रणनीति बनाने में समय लगा और अब राज्य सरकार ने नशा छोड़ने वालों के इलाज के लिए नशा-मुक्ति केंद्र शुरू किए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए भी काम कर रही है ताकि वे सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग पिछले 150 दिनों से जारी है और सैकड़ों पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर यह प्रण लिया है कि वे कभी भी नशा तस्करों का साथ नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह जंग अब जन आंदोलन में बदल गई है और इसके हिस्से के रूप में राज्य सरकार ने

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