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आगे बढ़ता भारत: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ कदम

03 अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों पर तीखा पलटवार करते हुए भारत की आर्थिक स्थिति और वैश्विक भूमिका पर भरोसा जताया है। उन्होंने दो मंचों—वाराणसी की चुनावी रैली और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर)—के ज़रिये भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है।

 ट्रंप की टिप्पणी और भारत का जवाब

31 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में भारत को “डेड इकॉनमी” करार देते हुए रूस के साथ भारत के संबंधों पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत से होने वाले लगभग सभी आयातों पर 25% टैरिफ लगाने की भी चेतावनी दी। ट्रंप ने लिखा: “I don’t care what India does with Russia. They can take their dead economy with them. Doesn’t matter to me.”

इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी की जनसभा में कहा: “दुनिया की आर्थिक अस्थिरता के बीच जब अधिकांश देश अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं, भारत स्थिरता और विकास का प्रतीक बनकर उभरा है। भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, और यही कुछ लोगों को खटक रहा है।”

 ‘डेड इकॉनमी’ वाले राहुल गांधी पर तीखी टिप्पणी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्रंप की टिप्पणी का समर्थन करते हुए ‘एक्स’ पर भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ करार दिया था। इसके जवाब में पीएमओ इंडिया के हैंडल से प्रकाशित लेख “India’s Economy is Alive and Kicking” में राहुल गांधी के दावे को “अज्ञानता, जानबूझकर भ्रम फैलाना और मोदी सरकार के प्रति पूर्वाग्रह” बताया गया।

PMO द्वारा साझा किए गए लेख में यह स्पष्ट किया गया कि:

  • भारत की FY25 रियल GDP ग्रोथ 6.5% रही है।
  • नोमिनल GDP ग्रोथ 9.8% तक पहुँच गई है।
  • यह ग्रोथ ऐसे समय में हासिल हुई है जब अमेरिका, यूरोप और चीन आर्थिक सुस्ती से गुजर रहे हैं।

भारत की वैश्विक तुलना: ग्रोथ में सबसे आगे

S&P Global Ratings और IMF के अनुमानों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि वर्ष 2025-26 में 6.5% रहने की संभावना है, जो प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से कहीं अधिक है:

देशअनुमानित GDP वृद्धि (FY26)
भारत6.5%
चीन4.3%
अमेरिका1.5%
जर्मनी0.9%
ब्रिटेन0.8%
फ्रांस0.6%
जापान0.5%
दक्षिण कोरिया0.8%

इस तुलनात्मक डेटा को उद्धृत करते हुए लेख में बताया गया कि भारत का विकास उसके घरेलू-संचालित आर्थिक मॉडल, संरचनात्मक सुधारों और नीति स्थिरता का परिणाम है।

वित्तीय स्थिति और स्थायित्व

भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में स्थिर और लचीली मानी जा रही है:

  • विदेशी मुद्रा भंडार: $695 अरब से अधिक (रिकॉर्ड स्तर)
  • चालू खाता घाटा (CAD): FY25 में 0.6% और FY26 के लिए 0.9% का अनुमान
  • राजकोषीय घाटा: FY26 में 4.4% अनुमानित
  • महंगाई दर: नियंत्रित और RBI के लक्ष्यों के दायरे में

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत न केवल बाहरी झटकों से सुरक्षित है, बल्कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी आत्मनिर्भर विकास मॉडल की ओर बढ़ रहा है।

डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचा

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ‘वोकल फॉर लोकल’ आंदोलन को दोहराते हुए कहा: “हमें केवल वही चीज़ें खरीदनी चाहिए जो भारत में बनी हों। लोकल के लिए वोकल बनना ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में अगला कदम है।”

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे में बड़ी छलांग लगाई है:

  • UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के माध्यम से प्रतिदिन करोड़ों लेन-देन हो रहे हैं।
  • दिसंबर 2024 तक 94.49 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहक, जिनमें से 90.37 करोड़ वायरलेस और 4.11 करोड़ वायरलाइन हैं।
  • डिजिटल सेवाओं ने सेवा क्षेत्र में नई ऊर्जा भरी है और लाखों MSMEs को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ा है।

राजनीतिक दलों से एकजुटता की अपील

मोदी ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा: “जो लोग भारत का भला चाहते हैं, उन्हें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर देश की आर्थिक स्थिरता का समर्थन करना चाहिए।” उन्होंने सभी दलों से आह्वान किया कि राष्ट्रहित में स्वदेशी को बढ़ावा देना अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है।

 

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