20 दिसंबर 2025 : महाराष्ट्र के साइबर विभाग ने मशहूर यूट्यूबर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर पायल धरे (पायल गेमिंग) से जुड़े एक डीपफेक वीडियो के मामले में गंभीर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की है. यह मामला अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) कार्यालय महाराष्ट्र साइबर विभाग के तहत दर्ज किया गया है. यह राज्य में साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध से निपटने की नोडल एजेंसी है.
महाराष्ट्र साइबर को पायल धरे की ओर से शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा था. जिसे झूठे तौर पर उनसे जोड़ा जा रहा है. इस वीडियो के चलते पीड़िता को गंभीर मानसिक आघात, सामाजिक छवि को नुकसान और भावनात्मक पीड़ा का सामना करना पड़ा.
विभाग ने जांच में वीडियो को दिया डीपफेक करार
जानकारी के अनुसार, शिकायत के बाद महाराष्ट्र साइबर द्वारा अत्याधुनिक तकनीकी संसाधनों के माध्यम से प्रारंभिक जांच और फॉरेंसिक विश्लेषण किया गया. जांच में यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि संबंधित वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग कर तैयार किया गया है. जांच में वीडियो को डीपफेक करार दिया गया है. जिसे दुर्भावनापूर्ण इरादे से बनाया और फैलाया गया.
इन धारा के तहत पुलिस ने दर्ज किया मामला
मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र साइबर ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 3(5), 79, 356(2) के साथ-साथ आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 और अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 3 और 4 के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह केस वीडियो के निर्माण, प्रसारण और उसे आगे फैलाने में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया गया है.
पीड़िता की गरिमा और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए महाराष्ट्र साइबर ने वीडियो के डीपफेक होने का आधिकारिक प्रमाण-पत्र (सर्टिफिकेट) भी जारी किया है, ताकि भविष्य में इस फर्जी सामग्री के दुरुपयोग और पुनः प्रसार को रोका जा सके.
आरोपियों के खिलाफ सख्त की जाएगी कानूनी कार्रवाई
फिलहाल मामले की विस्तृत जांच जारी है. जांच के तहत वीडियो की उत्पत्ति, इसे बनाने वाले व्यक्तियों या गिरोह की पहचान और आर्थिक लाभ, उत्पीड़न या सामाजिक छवि खराब करने के उद्देश्य से इसे फैलाने वालों का पता लगाया जा रहा है. इसके लिए उन्नत साइबर फॉरेंसिक, डिजिटल ट्रेल एनालिसिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ समन्वय किया जा रहा है.
महाराष्ट्र साइबर ने स्पष्ट किया है कि AI और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग, डीपफेक, उत्पीड़न और मानहानि के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी. इस अपराध में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
