23 जून 2025 : सावन लगने वाला है. हर साल सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पर्व नाया जाता है. बहन-भाई के अटूट संबंध का प्रतीक ये पर्व साल 2025 में अगस्त महीने में पड़ने वाला है. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुरक्षा और खुशहाली की कामना करती हैं. भाई भी बहनों की रक्षा का वादा करते हैं. वहीं हर साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी पड़ता है, जिससे राखी बांधने के समय में अंतर आता है. ऐसे में उज्जैन के आचार्य ने रक्षाबंधन की तिथि, मुहूर्त और भद्रा काल के बारे में बताया है. जानें..
कब है रक्षाबंधन?
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रही है, जो 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस बार बहनों को राखी बांधने के लिए खूब समय मिलने वाला है. 9 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 5 बजका 35 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. ऐसे में करीब 8 घंटे तक रांखी बांधी जा सकती है.
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया?
पंचांग के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर भ्रदा का साया नहीं रहेगा. क्योंकि, भद्रा काल 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से आरंभ होगा, जो 9 अगस्त को तड़के 1 बजकर 52 मिनट पर खत्म हो जाएगा.
शुभ योग में रक्षाबंधन
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाते हैं. सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन मौजूद होंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन योगों में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं.
राखी बांधने की विधि
रक्षाबंधन के दिन बहनें स्नान कर एक थाली में राखी, रोली, चावल, मिठाई और दीया सजाती हैं. भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर, उनकी आरती उतारती हैं और राखी बांधती हैं. इस दौरान बहनों को ये मंत्र पढ़ना चाहिए. ये मंत्र पढ़ने से भाई-बहन दोनों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं. रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय जरूर बोले यह मंत्र… ”ऊं येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।”
