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उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल: 7-9 फरवरी तक संगीत का मुफ्त आनंद

उदयपुर 2 फरवरी, 2025. उदयपुर विश्व संगीत महोत्सव का बहुप्रतीक्षित सातवां संस्करण 7 से 9 फरवरी 2025 तक आयोजित होने जा रहा है. राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के सहयोग से सहर की ओर से परिकल्पित इस आयोजन को वेदांता का समर्थन प्राप्त है. इस साल महोत्सव की थीम ‘सारंगी जैसे भूले-बिसरे संगीत वाद्ययंत्रों और राजस्थान की परंपराओं का संरक्षण और प्रचार’ रखी गई है. आयोजन सभी के लिए नि:शुल्क रहेगा. यह आयोजन हर वर्ग के लिए एक विशेष सांस्कृतिक अनुभव बनाता है.

महोत्सव में 15 से अधिक देशों के 22 अंतर्राष्ट्रीय बैंड अपनी प्रस्तुतियां देंगे. इनमें अर्जेंटीना, ईरान, स्वीडन, स्पेन, आइवरी कोस्ट, कुर्दिस्तान, जर्मनी, हंगरी और रीयूनियन आइलैंड जैसे देश शामिल हैं. इनमें से कई कलाकार भारत में पहली बार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही भारतीय संगीत जगत की मशहूर हस्तियां शान, कर्ष काले, कनिका कपूर और फरीदकोट जैसे कलाकार भी इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे. यह महोत्सव न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होने वाला है.

तीन स्थानों पर तीन सत्रों में आयोजित किया जाएगा महोत्सव
वेदांता उदयपुर विश्व संगीत महोत्सव को उदयपुर के तीन प्रतिष्ठित स्थानों पर आयोजित किया जाएगा. इस महोत्सव की शुरुआत 8 और 9 फरवरी को सुबह 8 से 10 बजे तक मांझी का घाट पर शांतिपूर्ण ध्यान सत्रों से होगी. सिटी पैलेस, जग मंदिर और हेरिटेज होटलों के मनमोहक दृश्य इन सत्रों को सूर्योदय के समय खास बना देंगे. इसके बाद दोपहर के सत्र फतहसागर पाल पर आयोजित होंगे. ये 8 और 9 फरवरी को दोपहर 3 से 5 बजे तक चलेंगे.

संस्कृतियों को जोड़ने और बाधाओं को दूर करने में सक्षम है यह महोत्सव
यहां दर्शक झील के किनारे बैठकर रोमांटिक संगीत का आनंद ले सकेंगे. शाम के कार्यक्रमों का समापन गांधी ग्राउंड में होगा. यहां तीनों दिन शाम 6 से 10 बजे तक सितारों के नीचे हाई-एनर्जी परफॉर्मेंस प्रस्तुत दी जाएगी. सहर के संस्थापक संजीव भार्गव ने बताया कि वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल संगीत की विविधता का एक अनूठा उत्सव है. यह पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के कलाकारों को मंच प्रदान करता है ताकि वे अपनी कला के माध्यम से दुनियाभर के दर्शकों से जुड़ सकें और यादगार अनुभव दे सकें. यह महोत्सव संगीत की वह शक्ति दिखाता है. यह संस्कृतियों को जोड़ने और बाधाओं को दूर करने में सक्षम है.

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