26 अगस्त 2025 : यूआईडीएआई ने आधार (शेयरिंग ऑफ इंफोर्मेशन) रेगुलेशन, 2016 में संशोधन के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस संशोधन का उद्देश्य एक ही जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर डुप्लिकेट बाल आधार इनरोलमेंट को रोकना है। नोटिफिकेशन में मृत व्यक्तियों के आधार नंबर को निष्क्रिय करने से संबंधित नियम भी शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है:
नए नियमों में क्या बदलाव हैं?
- डुप्लिकेट बचेंगे नहीं: अब एक ही जन्म प्रमाणपत्र पर आधारित दो बाल आधार बनवाना संभव नहीं रहेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक बच्चे के लिए केवल एक ही बाल आधार बनाया जाए।
- मृतक आधार को निष्क्रिय (Deactivation):
- UIDAI ने अब तक लगभग 1.17 करोड़ Aadhaar नंबर मृतकों के नाम से डिएक्टिवेट किए हैं, यह कदम डेटा की विश्वसनीयता बनाए रखने और पहचान के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
- इसके लिए UIDAI ने Registrar General of India (RGI) के साथ मिलकर काम किया, जिन्होंने 24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से 1.55 करोड़ मौत से संबंधित रिकॉर्ड भेजे, जिनमें से सत्यापन के बाद आधार निष्क्रिय किए गए।
- UIDAI ने myAadhaar पोर्टल पर “Report Death of a Family Member” नाम की एक सेवा भी शुरू की है, जहां परिवार अपना संबंध प्रमाणित करके मृतक Aadhaar निष्क्रिय कराने के लिए आवेदन कर सकता है। यह सुविधा 24 राज्यों/UTs में मौजूद है; बाकी राज्यों में इसे धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है।
- गलत निष्क्रियता की समस्या का समाधान:
यदि किसी व्यक्ति का Aadhaar गलती से मृत होने की जानकारी पर डिएक्टिवेट कर दिया गया हो, तो UIDAI ने उसका पुन: सक्रिय करने (Reactivate) का प्रावधान रखा है। इसके लिए:- एक फॉर्म भरना होगा
- बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा
- और संबंधित अधिकारी को जानकारी देना होगी
दुर्घटना से हुई इस त्रुटि को सुधारने का यह रास्ता सुनिश्चित करता है।
- सौ साल से अधिक उम्र वाले आधारधारकों की स्थिति जांचना: UIDAI सरकारों के साथ मिलकर उन लोगों की पहचान कर रहा है जिनकी उम्र 100 वर्ष से ऊपर है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अभी भी जीवित हैं।
- बाल आधार (5 वर्ष से कम उम्र) के लिए नामांकन प्रक्रिया:
- माता या पिता का आधार कार्ड आवश्यक है। बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र भी साथ लाना अनिवार्य है।
- नामांकन केंद्र पर देकर निम्न जानकारी जमा करनी होती है:
- बच्चे का नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता, मोबाईल नंबर, ईमेल आदि
- माता-पिता या अभिभावक की जानकारी
- सहमति-पत्र पर माता-पिता को हस्ताक्षर करना
- बच्चे की तस्वीर (बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते)
- 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चे के लिए जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य है
- सावधानियां और विशेषज्ञों की राय:
- डेटा की त्रुटियों से यह कदम परिवारों के लिए कानूनी और वित्तीय परेशानी खड़ी कर सकता है, खासकर उन राज्यों में जहां मौत का रिकॉर्ड पूर्ण और डिजिटल नहीं है।
- UIDAI ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि डिजिटल और भरोसेमंद रिकॉर्ड सिस्टम होने चाहिए, ताकि गलत निष्क्रियता से बचा जा सके।
