4 मार्च 2025: अबोहर और आसपास के गांवों में नहरबंदी के चलते पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नहरें 28 फरवरी को खुलनी थीं, लेकिन अब यह अवधि बढ़ा दी गई है, और पानी 7 मार्च तक छोड़े जाने की संभावना है।
लगभग एक महीने से नहरों में पानी न होने के कारण शहरी इलाकों में लोगों को पीने के पानी की भारी दिक्कत हो रही है। वाटर एवं सीवरेज विभाग द्वारा कभी-कभार सप्लाई किया जाने वाला पानी जमीन से निकाला जाता है, जो पीने योग्य नहीं होता। कई इलाकों में पानी पहुंच ही नहीं पा रहा, जिससे सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों वाले परिवारों को हो रही है, जिन्हें घरेलू कार्यों में भी मुश्किल हो रही है। गांवों में भी हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
नहरी विभाग के एस.डी.ओ. जसविंदर विर्क ने जानकारी दी कि 7 मार्च को नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। इसके बाद शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बहाल करने में कुछ और दिन लगेंगे, क्योंकि वाटर सीवरेज बोर्ड पहले नहरी पानी को डिग्गियों में स्टोर करेगा और फिर शुद्धिकरण के बाद इसे छोड़ा जाएगा।
इस संकट पर किसान नेता सुखजिंदर राजन और गुणवंत पंजाबा ने नहरी विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गेहूं की फसल को इस समय पानी की सख्त जरूरत है, लेकिन नहरबंदी के चलते किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, हाल ही में हुई हल्की बारिश से उन्हें कुछ राहत जरूर मिली है।
