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शनिदेव के प्रकोप से बचाएंगे ये 3 देवता, पत्नी और एक पेड़

उज्जैन 27 मार्च 2025 . ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय और कर्म कारक ग्रह माना जाता है. ये न्याय के देवता हैं, इसलिए इनकी साढ़ेसाती और ढैय्या का फल कई जातकों के लिए संकटपूर्ण होता है. शनि अच्छे कर्म करने पर अच्छा और बुरे कर्म करने पर बुरा फल प्रदान करते हैं. इसलिए, आगामी 29 मार्च से शनि राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. ऐसे में कुछ राशियों की साढ़ेसाती और ढैय्या की शुरुआत होगी.

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य आनंद भारद्वाज ने बताया कि 29 मार्च को शनि राशि परिवर्तन कर कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. ऐसे में कुंभ, मीन और मेष राशि वाले साढ़ेसाती के प्रभाव में होंगे. वहीं, सिंह और धनु राशि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. ऐसी स्थिति में जातकों को ये उपाय जरूर करना चाहिए. ऐसे में ये उपाय जातकों को शनि के प्रकोप से बचाएगा.

इस दिन से शुरू करें उपाय
आगे बताया, ऐसे पांच देवी-देवता हैं, जिनकी आराधना से शनिदेव को शांत रखा जा सकता है. शनिचरी अमावस्या पर इन देवताओं के पूजन का महत्व और बढ़ जाता है. इस बार 29 मार्च क़ो शनिचरी अमावस्या मनाई जाएगी है. इसी दिन शनि का राशि परिवर्तन भी है. इसी दिन उपाय शुरू करना भी बढ़िया रहेगा.

इन देवी-देवताओं का पूजन करें

शिव: भगवान शिव को प्रमुख देवता माना गया है. भगवान शिव की पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं. मान्यता है कि जो भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करता है. उन पर शनिदेव अपनी कुदृष्टि नहीं डालते. भगवान शिव की पूजा से शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है. ऐसे में अगर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों तो उस व्यक्ति को भगवान शिव की नियमित पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

पीपल: हिन्दू धर्म में खासकर शनिवार को पीपल पेड़ की पूजा की जाती है. पीपल पेड़ में विष्णु भगवान समेत कई देवताओं का वास माना गया है. शनिवार को पीपल पेड़ के नीचे दीपक भी जलाया जाता है. अगर आपकी राशि में शनिदेव का प्रकोप चल रहा है तो आपको हर शनिवार पीपल पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव का प्रकोप शांत हो जाएगा और आप पर उनकी कृपा भी बरसेगी.

हनुमानजी: जो जातक हनुमानजी की भक्ति करता है. उसको शनिदेव का प्रकोप नहीं झेलना पड़ता. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार शनिदेव को अपनी शक्तियों का गुमान होने लगा था, तब हनुमानजी ने शनिदेव का अहंकार तोड़ा था. तभी से शनिदेव रामभक्त हनुमान का बहुत सम्मान करते हैं. यही कारण है कि हनुमानजी के भक्तों को शनिदेव परेशान नहीं करते. इसलिए शनिदेव को खुश करना है तो हनुमानजी की नियमित पूजा करनी चाहिए.

श्रीकृष्ण: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से भी शनिदेव की कृपा बनी रहती है. शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव भी भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति करते हैं. शनिदेव ने मथुरा के कोकिला वन में श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए तपस्या की थी, इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा करने पर शनिदेव के शुभ फल प्राप्त होते हैं.

नीलमरत्ना: शनिदेव की पहली पत्नी देवी नीलमरत्ना को नीलम या नीलिमा नाम से भी जाना जाता है. शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए आप उनकी पत्नी का ध्यान करके उनकी स्तुति कर सकते हैं.

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