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हरियाणा का वो गांव, जो सुविधाओं में शहरों को भी पीछे छोड़ रहा है

16 सितंबर 2025 :  हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भट्टू कलां खंड का गांव मेहुवाला आज विकास, स्वच्छता और सामाजिक एकता का आदर्श उदाहरण बनकर उभरा है। यहां की जागरूक ग्राम पंचायत और ग्रामीणों के सहयोग से यह गांव न केवल मुख्यधारा से जुड़ा है, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए एक मजबूत आर्थिक एवं सामाजिक आधार भी तैयार कर चुका है। सरपंच ऊषा के नेतृत्व में पंचायत ने गांव के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं, फिर चाहे वह जल निकासी की व्यवस्था हो, शिक्षा और खेल सुविधाओं का विकास या आर्थिक सशक्तिकरण। आइए, जानते हैं मेहुवाला के विकास की पूरी कहानी

आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर पंचायत

वर्ष 2010 से 2015 के बीच गांव में बने एक गोदाम के लिए दी गई भूमि के बदले पंचायत को ₹4.34 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। यह पूरी राशि आज भी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में बैंक में सुरक्षित रखी गई है, जिससे पंचायत को ब्याज के रूप में नियमित आमदनी होती है।

आधुनिक जल निकासी व्यवस्था

गांव में ₹1.71 करोड़ की लागत से RCC पाइपलाइन द्वारा जल निकासी की आधुनिक व्यवस्था की गई है। इससे गांव में जलभराव की समस्या समाप्त हो गई है और सफाई व्यवस्था में भी सुधार आया है।

शिक्षा और खेलों को बढ़ावा

  • गांव में दो वातानुकूलित, कंप्यूटर युक्त लाइब्रेरी कक्ष बनाए गए हैं।
  • दो एकड़ क्षेत्र में विकसित व्यायामशाला और पार्क युवाओं को पुलिस, फौज और खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं।

पेयजल संकट से निपटने की तैयारी

  • गांव के जलघर और व्यायामशाला में बोरवेल व ट्यूबवेल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि नहरों में पानी न आने की स्थिति में भी पेयजल की कोई किल्लत न हो।
  • पंचायत के पास दो मुफ्त पानी के टैंकर भी हर समय तैयार रहते हैं।

बच्चों को सम्मान और प्रोत्साहन

पंचायत द्वारा शिक्षा और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाता है। हाल ही में, 12वीं की बोर्ड परीक्षा में जिले में प्रथम आने वाली सरकारी स्कूल की छात्रा को पंचायत ने ₹11,000 नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

वीरता की पहचान: शहीद नरेंद्र सिंह और खेतपाल हुड्डा

गांव को वीरों की धरती भी कहा जाता है। यहां के शहीद नरेंद्र सिंह और खेतपाल हुड्डा की वीरता को आज भी श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। उनकी स्मृति में गांव में देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

स्वच्छता और सुंदरता में भी अव्वल

  • गांव को करोड़ों रुपये की लागत से साफ-सुथरा और आकर्षक बनाया गया है।
  • गांव की सड़कों को इंटरलॉकिंग टाइल्स से पक्का किया गया है, जिससे ना केवल आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि गांव की सुंदरता भी बढ़ी है।

मेहुवाला आज न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि सही नेतृत्व, पारदर्शिता और जनसहयोग से गांवों को आत्मनिर्भर और प्रेरणास्रोत बनाया जा सकता है। यह गांव हर उस पंचायत के लिए एक आदर्श बन गया है, जो अपने गांव को बदलना चाहती है।

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