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हरियाणा की बहू विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी, बचपन से था पायलट बनने का सपना

हरियाणा 15 मई 2025 :  पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बदला भारत ने ले लिया। 7 मई को हुए इस सटीक और सीमित ऑपरेशन को नाम दिया गया ऑपरेशन सिंदूर। इस खास मिशन की एक बड़ी ताकत बनीं भारतीय वायुसेना की हेलिकॉप्टर पायलट, विंग कमांडर व्योमिका सिंह।

बता दें कि 18 दिसंबर 2019 को उन्हें भारतीय वायुसेना में हेलिकॉप्टर पायलट के तौर पर स्थायी कमीशन मिला। अब तक उनके नाम 2,500 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।  उन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टरों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत की कठिन पहाड़ियों में उड़ाया है। व्योमिका का नाम ही उनके जुनून को बयां करता है।व्योमिका का मतलब होता है “आकाश में रहने वाली”।

परिवार की पहली सदस्य हैं, जिन्होंने वर्दी पहनी
छठी कक्षा से ही उन्होंने पायलट बनने का सपना देखा. उन्होंने एनसीसी में हिस्सा लिया और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर सेना में शामिल हुईं।वे अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जिन्होंने वर्दी पहनी व्योमिका सिंह ने साल 1998 में सेंट एंथनीज़ से ग्रेजुएट किया और इसके बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरंग से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। क्लास 11 और 12 में व्योमिका को इंग्लिश पढ़ाने वालीं टीचर ज्योति बिष्ट ने बताया कि व्योमिका हमेशा से ही इंग्लिश और हिंदी में बहुत अच्छी थीं। पढ़ाई के अलावा व्योमिका को बास्केटबॉल का भी शौक था। वह स्कूल के डिबेट कंपटीशन में भी हिस्सा लेती रहती थीं। 

2020 में बचाई कई जिदगियां
2020 में अरुणाचल प्रदेश में जब मौसम बिगड़ा और कई जिंदगियां खतरे में थीं, तब व्योमिका ने एक जोखिम भरे रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाली. 2021 में वे एक ऑल-वुमन सैन्य दल के साथ 21,650 फीट ऊंचे माउंट मणिरंग पर चढ़ीं।  इस मिशन को तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने सराहा।उन्हें अब तक एयर चीफ और एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से प्रशंसा पत्र मिल चुका है. 

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