28 जुलाई 2025 : छत्रपती संभाजीनगर से आ रही सियासी हलचल ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा में करारी हार झेलने वाली कांग्रेस में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस के दो बड़े नेता – जालना के पूर्व विधायक कैलास गोरंट्याल और परभणी के पूर्व मंत्री वडपुरकर जल्द बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
’50 खोके एकदम ओके’ नारे से चर्चा में आए गोरंट्याल
कैलास गोरंट्याल वही नेता हैं, जिन्होंने शिवसेना में फूट के समय ‘50 खोके एकदम ओके’ का नारा देकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। अब वही नेता पार्टी से असंतुष्ट होकर बीजेपी के कमल का दामन थामने की तैयारी में हैं। यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र में।
भाजपा का ‘बेरजेचं राजकारण’ और बदलता समीकरण
भाजपा अब स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए जोड़-तोड़ की राजनीति (बेरजेचं राजकारण) कर रही है। गोरंट्याल का झुकाव भाजपा की ओर इसीलिए भी अहम है क्योंकि जालना नगरपालिके में उनका वर्चस्व है, और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे के साथ उनकी निजी नजदीकियां भी किसी से छिपी नहीं हैं।
कैलास गोरंट्याल का भाजपा में आना क्यों है खास?
जालना जिले की राजनीति में गोरंट्याल का बड़ा प्रभाव
मनपा (नगरपालिका) चुनाव में बीजेपी को मिल सकती है बढ़त
कांग्रेस को लगातार हो रहे नुकसान से संगठन में बेचैनी
राजनीतिक समीकरण का संभावित असर:
जालना और परभणी में BJP की पकड़ और मज़बूत
कांग्रेस को स्थानीय स्तर पर नुकसान
MVA गठबंधन की अंदरूनी कमजोरियां उजागर
