मोगा 16 दिसंबर 2025 : पंजाब में चुनावी जिम्मेदारियों के दौरान हुए सड़क हादसों ने शिक्षक समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। एक शिक्षक दंपती की मौत और अन्य शिक्षकों के गंभीर रूप से घायल होने की घटनाओं के बाद राज्यभर के शिक्षक संगठनों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का रास्ता चुना है। आज पंजाब के सभी जिलों में शिक्षक जिला मुख्यालयों पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से पुतला दहन करेंगे।
अव्यवस्थित ड्यूटी बनी हादसों की वजह?
शिक्षक संगठनों का कहना है कि जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों के दौरान प्रशासनिक तैयारियां बेहद कमजोर थीं। ड्यूटी पर लगाए गए शिक्षकों को न तो सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराया गया और न ही मौसम व दूरी को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की गई। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
चुनाव ड्यूटी वाले दिन 2 हादसे
मोगा जिले में संगतपुरा के पास घने कोहरे के बीच चुनाव ड्यूटी पर जा रहा एक वाहन नहर में गिर गया। इस हादसे में शिक्षक जसकरण सिंह भुल्लर और उनकी पत्नी कमलजीत कौर की जान चली गई। वहीं मूनक क्षेत्र में ड्यूटी पर जा रहे एक अन्य शिक्षक दंपती की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें राजवीर कौर और उनके पति मलकीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं के बाद शिक्षक वर्ग में गुस्सा और चिंता दोनों बढ़ गए हैं।
संयुक्त शिक्षक मंच ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
-मृतक शिक्षक दंपती के परिवार को सम्मानजनक मुआवजा, बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी और भविष्य में सरकारी सहायता।
-घायल शिक्षकों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाया जाए और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
-चुनाव ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों पर दर्ज आपराधिक मामले तुरंत वापस लिए जाएं।
-बीएलओ को चुनावी प्रक्रिया से स्थायी रूप से बाहर रखा जाए।
-शिक्षकों की ड्यूटी केवल उनके नजदीकी क्षेत्र में ही लगाई जाए।
शिक्षक नेताओं का दावा है कि कई जिलों में अधिकारियों ने दबाव बनाकर शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर भेजा। अनुपस्थित रहने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई और कुछ मामलों में एफआईआर भी दर्ज कर दी गई, जिससे शिक्षकों में डर और नाराजगी फैल गई। शिक्षक यूनियनों ने घोषणा की है कि आज स्कूल समय समाप्त होने के बाद सभी जिलों में प्रतीकात्मक अर्थी जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके जरिए सरकार को यह संदेश दिया जाएगा कि शिक्षकों की सुरक्षा से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। शिक्षक नेताओं ने सभी शिक्षकों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
