नई दिल्ली, 28 दिसंबर, 2024 : आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला सामने आया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए मनाने के लिए पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने स्थिति के बिगड़ने देना और डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के पहले के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पंजाब सरकार को फटकार लगाई। वहीं जो किसान डल्लेवाल को अस्पताल न जाने देने वाले किसानों को भी सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए लगा कि कैसे किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं।
वहीं डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने में असमर्थता जताते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने डल्लेवाल को घेर लिया है और उन्हें अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। पंजाब के एडवोकेट जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह ने पीठ को बताया कि विशेषज्ञों की एक टीम ने विरोध स्थल का दौरा किया और डल्लेवाल को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने और चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश की। डल्लेवाल ने आईवी ड्रिप सहित किसी भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, उनका कहना है कि, इससे आंदोलन का उद्देश्य कमजोर हो जाएगा।
इसी बीच सवाल ये है कि क्या डल्लेवाल साथियों के दबाव में हैं और जो किसान नेता उन्हें अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं लगते हैं। इसमें कहा गया कि क्या उनकी प्राथमिकता जान बचाना है या कुछ और? हम ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते और सिर्फ यही उम्मीद करते हैं कि पंजाब सरकार हमारे निर्देशों का पालन करेगी। कोर्ट ने शुक्रवार को डल्लेवाल के जीवन और सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की और पंजाब सरकार को उनकी चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। बता दें कि डल्लेवाल के किसान अपनी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनुरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 31 दिसंबर को होगी।
