मुंबई 25 नवंबर 2025 : महाराष्ट्र में नगर पालिका और नगर परिषद चुनाव प्रचार की शुरुआत भले ही नाशिक से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर दी हो, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर प्रचार किसके खिलाफ किया जाए? अजीबोगरीब राजनीतिक समीकरणों ने दोनों नेताओं को उलझन में डाल दिया है।
मनमाड़ में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने महायुती की शिवसेना और बीजेपी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील जरूर की, लेकिन जिले के कई क्षेत्रों में सीधा मुकाबला ‘बीजेपी बनाम शिंदे सेना’ का होने से मतदाता भी भ्रमित हैं। वहीं, फडणवीस ने कहा कि वे ज्यादा किसी पर बोलेंगे नहीं, लेकिन त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए बीजेपी को जिताना जरूरी है — इस बयान को राजनीतिक पेच से निकलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
जिले में कई जगह महायुती के घटक दल ही एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। त्र्यंबकेश्वर में तो स्थिति ऐसी है कि अजीत पवार गुट को शरद पवार गुट का समर्थन मिला है। ऐसे में अपने आक्रामक भाषणों के लिए जाने जाने वाले फडणवीस को संयम बरतना पड़ा। उन्होंने बिना किसी विपक्षी नेता का नाम लिए सिर्फ इतना कहा कि शहर के भविष्य के लिए बीजेपी उम्मीदवारों का साथ दें। इससे बीजेपी के कुछ उम्मीदवार, जो उम्मीद कर रहे थे कि फडणवीस विपक्ष पर जोरदार हमला करेंगे, निराश दिखे।
शिंदे का संदेश: धनुष्यबाण और कमल को वोट दें
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने सटाणा, मनमाड़ और सिन्नर में रैलियां कीं। सटाणा में बीजेपी बनाम शिंदे सेना का सीधा मुकाबला है, जबकि नांदगांव व मनमाड़ में शिंदे सेना और बीजेपी, अजीत पवार गुट के खिलाफ मिलकर लड़ रहे हैं। येवला में शिंदे सेना के साथ अजीत पवार गुट है, जबकि बीजेपी और राष्ट्रवादी विरोध में हैं। सिन्नर में तीनों दल अलग-अलग लड़ रहे हैं।
इन सब उलझनों के बीच शिंदे ने मनमाड़ में अपील की कि “महत्च है, धनुष्यबाण और कमल—यानी महायुती—को वोट दें।”
लेकिन जमीनी स्थिति इतनी उलझी हुई है कि मतदाता भी कन्फ्यूजन में हैं कि आख़िर वोट किसे दिया जाए।
