जालंधर 01 जून 2025 : विधायक रमन अरोड़ा ने पैसे कमाने के लिए अपनी एक पूरी टीम फील्ड में उतार रखी थी। उनका काम यही था कि अगर जालंधर के सैंट्रल हलके का कोई व्यक्ति कहीं भी दो नंबर का काम करता है तो उसकी कुंडली निकाल कर विधायक को देना था, ऐसा ही काम शेखां बाजार पतंगों वाले भाइयों के साथ हुआ। जैसे ही विधायक रमन अरोड़ा को पता लगा तो उन्होंने बसंत के नजदीक उनके गोदाम और दुकानों पर रेड करवा कर दुकान मालिकों को उठवा लिया।
इस दौरान उन्हें बताया गया कि दिल्ली में उनकी एक फैक्टरी हैं, जिसमें चाइना डोर बनती है और यहीं से पूरे देश में सप्लाई होती है। उन्हें चाइना डोर बनाने और सप्लाई करने के आरोपों में गिरफ्तार करके जेल भेजने और कारोबार बर्बाद करने की धमकी दी गई, जिसके बाद तीनों भाइयों ने रमन अरोड़ा को 7-7 लाख रुपए रमन अरोड़ा को देकर अपनी जान छुड़वाई ।
हैरानी की बात है कि चाइना डोर पर पाबंदी होने के बावजूद पैसों के लालच में विधायक रमन अरोड़ा ने जालंधर ही नहीं बल्कि अन्य पंजाब के शहरों में चाइना डोर की बिक्री होने दी। रमन अरोड़ा की शह पर अभी भी उक्त फैक्टरी चल रही है। यही नहीं, रमन अरोड़ा रेहड़ी वालों से भी महीने का 10-10 हजार रुपए वसूलते थे। एक डोसे वाले को प्रति डोसा कमीशन देने की बात कह दी थी, लेकिन बाद में उसके साथ भी प्रति माह फीस तय कर ली गई। रमन अरोड़ा के दफ्तर के बाहर जो भटूरे की रेहड़ी लगती है. उससे भी महीना वसूला जाता था।
विधायक जहां उद्घाटन करते, वहीं निगम की टीम पहुंच जाती थी
विधायक का एक और वाक्य सामने आया है। विधायक रमन अरोड़ा अगर किसी शोरूम पर उद्घाटन करने जाते थे तो उनकी नजर इमारत की कमियों पर ही रहती थी। कमी न भी मिले तो विधायक के जाने के कुछ घंटों के बाद ही निगम की टीम नोटिस लेकर वहां पहुंच जाती थी और फिर विधायक की दोबारा एंट्री करवा कर पैसे वसूल लिए जाते थे। इसी तरह ही विधायक ने फगवाड़ा गेट में भी इसी तरह एक शोरूम का लैंटर गिरवा दिया था जिसके बाद सैटलमैंट हुई थी। दूसरा मामला चहार बाग का था जहां दुकान बनाने के लिए पहले तो विधायक ने दुकानदार से पैसे वसूले और फिर दुकान मालिक को यह भी कहा कि दुकान का उद्घाटन वह खुद करेंगे।
विधायक से पीड़ित व्यापारी बयान देने विजीलैंस ऑफिस पहुंच रहे
उधर विधायक द्वारा राजनीतिक दबाव और धमका कर जिन-जिन लोगों से रिश्वत वसूली गई, वह पीड़ित लोग अब खुद ही विजीलैंस दफ्तर पहुंच रहे हैं। उनके साथ जो-जो भी हुआ, उसे लिखित में बयान कर रहे हैं। करीब एक दर्जन लोग अभी तक अपने बयान दर्ज करवा चुके हैं, जिससे रमन अरोड़ा की मुश्किलें लगातार बढ़ती दिखाई दे रही हैं। जो लोग रमन अरोड़ा के दफ्तर में लगने वाली पंचायत के पदाधिकारी हुआ करते थे, वह भी अब विधायक की खामियां इधर-उधर गिना रहे हैं। कुछ अंडर ग्राऊंड भी हैं।
दो लाख रुपए बचाने के चक्कर में विधायक पास गए, वहां 5 लाख खर्च कर निकले
फुल्लां वाला चौक से जग्गूचौक जाते बाजार में करीब डेढ़ साल पहले पुलिस ने रेड करके सोना ढालने वाले व्यक्ति को काबू किया था। आरोप था कि उसने चोरी का सोना खरीदा था। सूत्रों की मानें तो ढलाई करने वाले से 2 लाख रुपए की मांग की गई थी। पैसे बचाने के चक्कर में उसके समर्थक विधायक रमन अरोड़ा के पास पहुंचे, लेकिन 2 लाख बचने तो दूर उल्टा विधायक ने 5 लाख रुपए रुपए लेकर ही पकड़े व्यापारी को छोड़ने की बात कही थी। आखिरकार उन लोगों ने 5 लाख रुपए विधायक को देकर व्यापारी को छुड़वाया।
