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जालंधर सिविल अस्पताल का चौंकाने वाला मामला, शव भी नहीं हैं सुरक्षित

29 अक्टूबर 2024 (जालंधर): जुलाई महीने की एक तारीख को सिविल अस्पताल की मोर्चरी के इंचार्ज डॉ. बेअंत सिंह ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और थाना 4 की पुलिस को सूचित किया कि मोर्चरी में करीब 30 दिन से एक व्यक्ति की लाश रखी है, जो पूरी तरह से गल-सड़ चुकी है और उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। करीब 30 दिन बाद मोर्चरी स्टाफ को लाश से बदबू आने लगी, जिसके चलते उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। हालांकि, जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्हें अस्पताल में उस लाश का कोई रिकॉर्ड या फाइल नहीं मिली, जिससे यह पता चल सके कि यह लाश किसकी है। बाद में दिए गए पते पर भी लाश की पहचान नहीं हो सकी, और अंततः शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब तक इस मामले में कोई खुलासा नहीं हुआ है, और पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की।

लापरवाही का सिलसिला मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, इस मामले को एक्सीडेंट का केस बताया गया है, लेकिन पुलिस अभी तक यह नहीं बता पाई कि एक्सीडेंट कहां हुआ और घायल को अस्पताल में कौन लेकर आया। अस्पताल में लापरवाही यह रही कि जब कोई घायल व्यक्ति सिविल अस्पताल में दाखिल हुआ, तो पुलिस को सूचित नहीं किया गया, जबकि अस्पताल में 24 घंटे पुलिस मौजूद रहती है। घायल व्यक्ति के इमरजेंसी में दाखिल होने पर उसकी मेडिकल लीगल रिपोर्ट (एम.एल.आर.) तैयार की जानी चाहिए थी, जिसे पुलिस को सौंपी जानी थी। इसके अलावा, जब मरीज को वार्ड में शिफ्ट किया गया, तब उसके रिकॉर्ड का कोई विवरण नहीं दिया गया। मरीज की मौत के बाद लाश को मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन वहां भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था। जब तक लाश पूरी तरह से गल-सड़ नहीं गई, तब तक किसी ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।

सीCTV फुटेज का सवाल हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घायल व्यक्ति को इमरजेंसी में छोड़कर जाने वाला कोई व्यक्ति था। यदि यह सच है, तो अस्पताल में आने वाले की सीसीटीवी फुटेज जरूर होगी, जिसे पुलिस को जांचना चाहिए था। यदि किसी ने घायल को छोड़कर चला गया, तो उस स्थिति में उसकी फाइल कैसे बनी, और इसे बनाने वाला कौन था? अस्पताल के पास इस संबंध में कोई रिकॉर्ड होना चाहिए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखी, लेकिन इस पर मीडिया में कोई जानकारी नहीं आई, और मामले को बंद कर दिया गया। इसके अलावा, जिन डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हुई, उन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

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