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NCERT की किताब पर बवाल: कांग्रेस बोली- ‘इतिहास से की गई छेड़छाड़’

18 अगस्त 2025 : NCERT के एक नए पाठ्यक्रम मॉड्यूल ‘कल्प्रिट्स ऑफ पार्टीशन’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस मॉड्यूल में भारत के विभाजन के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है। यह मॉड्यूल कक्षा 6 से 8 के छात्रों के लिए एक सप्लीमेंट्री बुक के रूप में बनाया गया है।

मॉड्यूल में विभाजन के लिए किसे दोषी ठहराया गया?

NCERT के इस मॉड्यूल में कहा गया है कि 15 अगस्त, 1947 को भारत का विभाजन किसी एक व्यक्ति की करतूत नहीं थी। इसमें तीन मुख्य लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है:

1.      मोहम्मद अली जिन्ना: जिन्होंने पाकिस्तान की मांग की.

2.      कांग्रेस: जिसने इस मांग को स्वीकार किया.

3.      लॉर्ड माउंटबेटन: जिन्होंने विभाजन को लागू किया.

कांग्रेस ने क्या दी प्रतिक्रिया?

कांग्रेस के नेताओं ने इस मॉड्यूल पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि अगर इस किताब में हिंदू महासभा की भूमिका का जिक्र नहीं है, तो इसे फाड़ देना चाहिए। उन्होंने बताया कि 1938 में हिंदू महासभा ने सबसे पहले ‘टू-नेशन थ्योरी’ का प्रस्ताव रखा था, जिसे बाद में मुस्लिम लीग ने समर्थन दिया।

वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि ‘टू-नेशन थ्योरी’ का विचार विभाजन से करीब सात दशक पहले से मौजूद था और इसके समर्थक हिंदू और मुस्लिम दोनो थे। उन्होंने कहा कि यह NCERT का ‘पार्टीशन हॉरर्स’ चैप्टर इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का मामला है।

क्या है ‘टू-नेशन थ्योरी’?

‘टू-नेशन थ्योरी’ का मुख्य आधार यह था कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग समुदाय हैं, जिनकी राजनीतिक और आर्थिक ज़रूरतें अलग हैं और वे एक साथ नहीं रह सकते। इस सिद्धांत के आधार पर मुसलमानों के लिए एक अलग देश, पाकिस्तान की मांग की गई। मुस्लिम लीग ने 23 मार्च 1940 को अपने लाहौर अधिवेशन में आधिकारिक तौर पर इस प्रस्ताव को रखा, जिसमें भारत के उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में मुसलमानों के लिए स्वतंत्र राज्यों के निर्माण की मांग की गई थी।

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