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राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का निधन, CM योगी ने जताया दुख

लखनऊ/अयोध्या 24 अगस्त 2025 अयोध्या राजघराने के बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का शनिवार देर रात निधन हो गया। उन्हें राजा अयोध्या के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कल रात अंतिम सांस ली। वह करीब 75 वर्ष के थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। 

सीएम योगी ने किया पोस्ट 
सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट किया ‘‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य, राजसदन अयोध्या के मुखिया विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र जी का निधन अत्यंत दु:खद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।”

वे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पहले वरिष्ठ सदस्य थे 
गौरतलब है कि मिश्र बाबरी मस्जिद विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पहले वरिष्ठ सदस्य थे। शनिवार रात 11 बजे अयोध्या धाम स्थित उनके राज सदन में आकस्मिक निधन हो गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके करीबी लोग और प्रशासनिक अमला देर रात पहुँचा। उनके निधन से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई।

‘देर रात BP अचानक हुआ कम’
उनके छोटे भाई और पूर्वांचल के सबसे बड़े महाविद्यालय साकेत महाविद्यालय की प्रबंध समिति के संरक्षक शैलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र चुन्नू ने बताया कि रात 11 बजे राजा अयोध्या का रक्तचाप अचानक कम हो गया। परिवार के सदस्यों ने उन्हें इलेक्ट्रोलाइट और अन्य दवाइयाँ दीं। अयोध्या धाम के श्रीराम अस्पताल से पारिवारिक चिकित्सक डॉ. बीडी त्रिपाठी को भी बुलाया गया। लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो गई। राजा अयोध्या का कुछ दिन पहले रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था और वे तीन दिन पहले लखनऊ में जांच करवाकर लौटे थे। कुछ दिन पहले उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था। आज दोपहर सरयू नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार होने की उम्मीद है। 

श्री प्रताप धर्म सेतु ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे मिश्र 
राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य, बहुजन समाज पार्टी से अयोध्या लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनके पुत्र यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र एक प्रसिद्ध संगीत विद्वान और कवि हैं। उन्होंने प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर पर ‘लता सुर गाथा’ नामक एक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी थी। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। जब राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम फैसला आया, तो बिमलेंद्र प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चुने गए पहले वरिष्ठ सदस्य थे। पहला कार्यभार उन्हें अयोध्या के कमिश्नर ने सौंपा था, जो उस समय तक श्रीराम जन्मभूमि परिसर के रिसीवर थे। वे श्री प्रताप धर्म सेतु ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे। 

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