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पुतिन ने शहबाज शरीफ से मिलने से किया इनकार, 40 मिनट इंतजार के बाद Pakistan की शर्मनाक स्थिति

13 दिसंबर 2025 : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। तुर्कमेनिस्तान में आयोजित इंटरनेशनल फोरम फॉर पीस एंड ट्रस्ट में हिस्सा लेने पहुंचे शहबाज शरीफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए बेहद उत्सुक थे, लेकिन हालात उनके बिल्कुल खिलाफ रहे।

40 मिनट से ज्यादा इंतजार, फिर भी मुलाकात नहीं

शहबाज शरीफ तय समय से पहले ही मीटिंग हॉल में पहुंच गए थे। यहां वे 40 मिनट से भी ज्यादा समय तक पुतिन के आने का इंतजार करते रहे। लंबा इंतजार होने के कारण वे थककर अपने डेलिगेशन के साथ वापस लौट गए। बाद में, कुछ समय बाद पुतिन और शहबाज शरीफ की मुलाकात तो हुई, लेकिन यह स्थिति पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए काफी असहज और शर्मनाक बताई जा रही है।

पुतिन–एर्दोआन बैठक में “बीच में पहुंच गए” शरीफ, फिर भी मुलाकात नहीं

बताया जा रहा है कि शहबाज शरीफ 40 मिनट तक इंतजार करने के बाद पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन की चल रही बैठक के बीच में पहुंच गए थे, ताकि वे पुतिन से मिल सकें। लेकिन उस समय भी पुतिन उनसे नहीं मिल पाए। हालांकि उनकी मुलाकात पहले से शेड्यूल थी, पर पुतिन–एर्दोआन बैठक उम्मीद से ज्यादा लंबी चली, जिससे पूरा समय बिगड़ गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो

सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें शहबाज शरीफ अपने डेलिगेशन के साथ मीटिंग हॉल में बैठे हुए दिखते हैं। वे काफी देर तक बैठे इंतजार करते रहे, बातचीत करते रहे, लेकिन पुतिन वहां नहीं पहुंचे। अंत में, उन्हें वहीं से वापस लौटना पड़ा। ये वीडियो पाकिस्तान में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।

पहले भी पुतिन से मिलने के लिए बेताबी दिखा चुके हैं शरीफ

यह पहली बार नहीं जब शहबाज शरीफ पुतिन से मिलने के लिए उतावले दिखे हों। सितंबर में चीन के तियानजिंग में हुई SCO (शांगाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) की बैठक में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला था। तब शहबाज शरीफ पुतिन की ओर हाथ मिलाने के लिए बढ़े थे, लेकिन पुतिन ने पहले उन्हें देखा नहीं और आगे बढ़ गए। हालांकि बाद में उन्होंने वापस मुड़कर शरीफ से हाथ मिलाया था।

हाल ही में भारत आए थे पुतिन — मिला “विशेष सम्मान”

वहीं दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में भारत दौरे पर आए थे। उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे थे। पुतिन भारत में 24 घंटे से भी अधिक समय रहे और दोनों देशों के बीच कई अहम रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर बातचीत हुई। यह तुलना सोशल मीडिया पर खूब की जा रही है — एक तरफ भारत में पुतिन के लिए रेड कार्पेट स्वागत, दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का लंबा इंतजार और उपेक्षा।

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