फिल्लौर 04 अक्टूबर 2025: अगर आपने पुलिस का नाका पार करना है तो आपको नाके पर खड़े थानेदार की जेब गर्म करनी पड़ेगी, अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो अपके पास जो कुछ भी है राशन या दूध वह देकर जाना पड़ेगा नहीं तो पुलिस आपको बिना वजह वहां बैठा कर आपके वाहन का चालान भी काट सकती है। ऐसा ही फिल्लौर के हाईटैक नाके पर आजकल रात्रि को एक थानेदार कर रहा है, जिसने दूध न मिलने के कारण दूध बेचने वाले को वहां जबरन खड़ा कर उसके वाहन का चालान काटने लगा तो उसने इसकी शिकायत एस.पी. (डी.) जालंधर देहाती से की। जिन्होंने कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त थानेदार की जमकर फटकार लगाई।
पंजाब पुलिस जो अपराधियों को पकड़ने के लिए नाकाबंदी कर खड़ी होती है वह अपराधियों को पकड़ने के लिए ही नहीं बल्कि आम जनता से जबरन वसूली के लिए होती है। फिल्लौर के सतलुज दरिया पर लगा हाईटैक नाका जहां की पुलिस द्वारा सूरज छिपते ही लोगों से जबरन वसूली की शिकायतें आए दिन मिल रही थी। आज उस पुलिस के एक थानेदार जसवंत सिंह बैल्ट नंबर 537 ने सभी हदें पार कर दीं जब उसने दूध बेचने वाले मिथलेश कुमार को जब वह अपने 2 बच्चों के साथ नाका पार करने लगा तो रात्रि 10 बजे वहां रोक लिया। उसने मिथलेश से कहा कि वह रोजाना हाईटैक नाके से दूध बेचने के लिए गुजरता है कभी उसे एक किलो दूध देकर गया है। वह या तो अब उसका चालान करेगा नहीं तो वह आगे से ध्यान रखे जब भी वह यहां से लोगों को दूध देने के लिए निकले तो उसके लिए रोजाना 1 किलो दूध लेकर आया करे। मिथलेश ने जब उसे कहा कि उसके पास स्कूटर के कागज और लाइसैंस है जिसकी वह जांच कर सकता है तो उसने मिथलेश का स्कूटर वहां खड़ा कर उसे नाके के पास बच्चों सहित बैठा दिया।
पुलिस की इस सख्ती को देेख उसके दोनों बच्चे रोने लग पड़े उसके बावजूद भी उक्त थानेदार को जब दया नहीं आई तो मिथलेश ने आधे घंटे बाद पूरी घटना की शिकायत एस.पी. (डी) जालंधर देहाती सर्बजीत राय से की। जिन्होंने कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त थानेदार की जमकर क्लास लगाई। उक्त घटना की सूचना मिलते ही जब पत्रकार वहां पहुंचे तो वहां खड़े 2 छोटे मुलाजिम यह कह कर वहां से खिसक गए कि उच्चाधिकारियों ने एक्शन ले लिया है। पत्रकारों को देख उक्त थानेदार ने अपनी नेम प्लेट को छुपा लिया। आम जनता का कहना है कि अगर ऐसे पुलिस अधिकारी 1 किलो दूध के बदले लोगों को नाके से गुजार सकते है तो अपराधी तो इन्हें पैसे देकर वहां से आसानी से निकल जाएंगे।
