जालंधर, 02 जून 2025: 31 मई की डेडलाइन समाप्त होने के बाद अब पंजाब पुलिस नशा तस्करों और सप्लायरों के खिलाफ नई रणनीति के तहत बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी दी कि अगले 60 दिनों में पुलिस, खुफिया एजेंसियों और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) से मिली रिपोर्ट्स के आधार पर नशा तस्करों की नई सूचियां तैयार की जा रही हैं और व्यापक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने जेलों के आधुनिकीकरण के लिए 500 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है, जिसके अंतर्गत हर जेल में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह पहल नशा पीड़ित कैदियों को उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से की जा रही है।
सेफ पंजाब व्हाट्सऐप चैटबोट (9779100200) को नशे के खिलाफ जंग में एक प्रभावी उपकरण बताया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त 7635 सूचनाओं में से 1596 एफआईआर दर्ज कर 1814 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। डीजीपी यादव ने बताया कि पुलिस नशा पीड़ितों को अपराधियों की बजाय मरीज मानकर उनका उपचार प्राथमिकता से कर रही है। NDPS एक्ट की धारा 64-A के तहत 1121 नशा पीड़ितों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है।
इसके अलावा, पुलिस ने 5786 पीड़ितों को इलाज के लिए डिटॉक्स सेंटरों में पहुंचाया और 6483 लोगों को ओओएटी (OOAT) केंद्रों में इलाज के लिए प्रेरित किया है। डीजीपी ने यह भी ऐलान किया कि सभी एसएचओ ज़मानत पर रिहा हुए आरोपियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनसे शपथ लेंगे कि वे नशे का सेवन या व्यापार नहीं करेंगे। साथ ही, जरूरतमंदों को चिकित्सकीय सहायता और आदतन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
“Each One, Adopt One” योजना के तहत हर पुलिस अधिकारी एक नशा पीड़ित को गोद लेकर उसके उपचार और पुनर्वास में योगदान देगा। वहीं, गांवों की पंचायतों से अपील की गई है कि वे बैठकों के जरिए अपने क्षेत्र की स्थिति का मूल्यांकन करें और नशा मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए ठोस योजना बनाएं।
सार्वजनिक सहयोग की अपील:
पंजाब पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे सेफ पंजाब हेल्पलाइन (9779100200) के माध्यम से गोपनीय रूप से नशे से जुड़ी गतिविधियों की सूचना दें और राज्य को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में भागीदार बनें।
