6 अक्टूबर 2024: Punjab को लेकर भाजपा (BJP) ने पिछले दिनों भी काफी एक्सपैरीमैंट किए हैं, जिनका नतीजा सकारात्मक नहीं दिखा। जिसके बाद पार्टी ने शायद सीख न लेते हुए एक बार फिर से पंजाब में नया एक्सपैरीमैंट करने की योजना बनाई है। प्रयोग 1 व प्रयोग 2 में बस इतना सा अंतर है कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह (Capt Amrinder Singh) के लोगों को लेकर एक्सपैरीमैंट किए गए लेकिन अब दूसरे चरण में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह (Beant Singh) के करीबी लोगों के साथ एक्सपैरीमैंट करने की योजना बनाई गई है।
कांग्रेस की ही टीम बी के साथ नया एक्सपैरीमैंट
पंजाब में किसी समय कैप्टन के करीबी रहे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ को पंजाब की कमान सौंपी गई थी, लेकिन अब वह अध्यक्ष हैं या नहीं है, यह कोई साफ नहीं कर रहा, लेकिन यह बात जरूर है कि अब पार्टी जाखड़ को छोड़कर रवनीत बिट्टू के साथ नया एक्सपैरीमैंट करने की योजना बना रही है। इस एक्सपैरीमैंट के तहत ही रवनीत बिट्टू को राज्यसभा सदस्य के तौर पर केंद्र में ले जाया गया, वो अलग बात है कि राज्यसभा सदस्य का वायदा किसी और के साथ किया गया था। लेकिन निभाया कहीं और गया है। जिसके कारण जहां वायदा नहीं निभा, वहां से लगातार रोष के स्वर उठ रहे हैं।
उपचुनावों के लिए तैयारी भी इंचार्ज लगाने तक ही सीमित
पंजाब में भाजपा ने एक नए एक्सपैरीमैंट के तौर पर कुछ ऐसी घोषणाएं की हैं, जो राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ आम लोगों में भी हंसी का कारण बन रही है। भाजपा मुख्यालय की तरफ से शुक्रवार को एक सूची जारी की गई थी, जिसमें 4 विधानसभा क्षेत्रों के इंचार्ज तथा को-इंचार्ज लगाए गए थे, जहां पर अब विधानसभा उपचुनाव होने हैं, इनमें गिद्दड़बाहा, बरनाला, चब्बेवाल तथा डेरा बाबा नानक शामिल हैं। पार्टी इन चुनावों के लिए तैयारी तो कर रही है, लेकिन हैरानी की बात है कि इन इलाकों में भाजपा को मजबूत करने के लिए लोकसभा चुनावों के बाद से कोई कोशिश नहीं की गई है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद यह साबित हो गया था, कि उक्त सीटों पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन पार्टी का कोई बड़ा नेता इन इलाकों में यह देखने भी नहीं गया कि पार्टी की वहां पर स्थिति क्या है। ऐसे में खानापूर्ति करने के लिए इंचार्ज या को-इंचार्ज लगाने का क्या मतलब ही क्या हुआ।
जवानी से बुढ़ापा लगाने वाले सभी भाजपाइयों पर रहेगा बाहरी नेताओं का कंट्रोल
इसके अलावा पार्टी की एक और सूची भी लोगों में हंसी का कारण बन रही है, जिसके तहत पार्टी ने कुछ मंडल स्तर पर नियुक्तियां की हैं। हैरानी की बात है कि अधिकतर ऐसे कई मंडल हैं, जिनमें इंचार्ज उन लोगों को लगाया गया है, जो कांग्रेस से इंपोर्ट करके लाए गए हैं, जबकि इनके साथ को-इंचार्ज उनको लगाया गया है, जिन्होंने शायद भाजपा में रहते हुए अपनी जवानी से लेकर बुढ़ापा तक लगा दिया। गिद्दड़बाहा में मंडल प्रभारी के तौर पर हरजोत सिंह कमल को लगाया गया है, जो कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं, जबकि भाजपा की वरिष्ठ नेता तथा पार्टी के साथ वर्षों से जुड़ी मोना जायसवाल को सह संयोजक लगाया गया है। इसी प्रकार डोडा मंडल में पूर्व विधायक हरमिंद्र सिंह जस्सी को इंचार्ज लगाकर भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज चौधरी को सह संयोजक लगाया गया है।
