पुणे 11 सितंबर 2025 : आयकर विभाग ने पुणे में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें व्यावसायिकों की एक टोळी द्वारा 500 करोड़ रुपये से अधिक का कर रिफंड घोटाला किया गया। यह टोळी खुद को ‘आयकर रिफंड एक्सपर्ट’ बताकर लोगों को फंसाती थी। जांच में सामने आया है कि पिछले पांच वर्षों में इस समूह ने 10,000 से अधिक फर्जी आयकर रिटर्न दाखिल किए, जिनका लक्ष्य ज्यादातर निजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले पगारदार कर्मचारी थे।
टोळी ने अपने ग्राहकों को असामान्य रूप से अधिक कर रिफंड का लालच दिया और गृहकर्ज, मेडिकल खर्च, बीमा प्रीमियम, शैक्षणिक ऋण और HRA जैसे दावों को अतिशयोक्तिपूर्ण या पूरी तरह फर्जी साबित किया। इसके लिए कोई वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं किए गए। आयकर विभाग के अनुसार यह कोई अलग घटना नहीं थी, बल्कि एक संगठित रैकेट था जिसने पुराने फाइलिंग सिस्टम की त्रुटियों का फायदा उठाया।
हालांकि अब नई प्रणाली में ये त्रुटियां दूर कर दी गई हैं। इस घोटाले की जांच आयकर संचालनालय (तपास) द्वारा की जा रही है। पहले भी PAN, TDS क्रेडिट और फर्जी ट्रस्ट से जुड़े अनियमितताएं सामने आई थीं, लेकिन पुणे का यह मामला पैमाने और संगठन की दृष्टि से अलग है।
