• Fri. Dec 5th, 2025

पंजाब-हरियाणा में बढ़ा प्रदूषण संकट, सांस लेना हुआ मुश्किल

पटियाला  10 नवंबर 2025प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में एक बार फिर तेज़ बढ़ोतरी दर्ज हुई है। रविवार को अकेले एक दिन में 440 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संख्या बढ़कर 4,062 हो गई है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में कम तो है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में वृद्धि ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

सबसे अधिक पराली जलाने के मामले मालवा क्षेत्र से आए हैं। संगरूर जिला इस बार भी सबसे आगे है, जहाँ 652 मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद तरनतारन (599) और फिरोज़पुर (417) का नंबर आता है। अमृतसर में 295 और बठिंडा में 278 मामले दर्ज हुए। किसान बताते हैं कि इस बार धान की कटाई मौसम और बारिश की वजह से देर से हुई, जिससे गेहूं की बोवाई में देरी होने का डर है। इसी जल्दीबाज़ी में किसान खेतों को जल्दी साफ़ करने के लिए पराली को जलाने का तरीका अपना रहे हैं।

एक किसान ने बताया, “मशीन का किराया महंगा है। सरकार मदद दे तो हम भी पराली नहीं जलाना चाहते। पर अब गेहूं की फसल देरी हुई तो आगे का साल खराब हो जाएगा।” सरकार और पर्यावरण विभाग लगातार अपील कर रहे हैं कि पराली जलाना बंद किया जाए क्योंकि इससे हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होती है और लोगों की सेहत पर असर पड़ता है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक 10,909 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।

हरियाणा में भी इजाफ़ा
हरियाणा में भी पराली के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। एक दिन में 67 नए मामले आए हैं, जो इस सीजन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। फतेहाबाद, कैथल, कुरुक्षेत्र और झज्जर में सबसे ज़्यादा मामले मिले हैं। दिल्ली के पास स्थित बहादुरगढ़ में हवा की स्थिति “गंभीर” तक पहुँच गई है। रविवार को AQI 370 दर्ज किया गया, जिससे लोगों को सांस में लेने में काफी परेशानी हो रही है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *