जगराओं 25 सितम्बर 2024 : क्षेत्र में हवाला के जरिए विदेश पैसे भेजने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और इस अवैध कारोबार से करोड़ों रुपये कमा चुके हैं। लेकिन जगराओं इलाके के हवाला कारोबार की खबरें भी आए दिन अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं। ऐसी ही एक बड़ी कार्रवाई की सूचना जगराओं के शास्त्री नगर से सामने आई है, जहां इलाके में एसटीएफ पंजाब की टीम ने लुधियाना ग्रामीण की सब डिवीजन की टीम के साथ संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
गाड़ी शास्त्री नगर इलाके में जब एक वैगनार गाड़ी दाखिल हुई तो उसके पीछे-पीछे एसटीएफ की 2 गाड़ियां आ गईं और उन्होंने आगे-पीछे अपनी गाड़ियां लगाकर वैगनार गाड़ी को रोक लिया। गाड़ी में सवार युवक हिमाचल का रहने वाला है, जोकि फिलहाल लुधियाना रोड पर है एक फैक्ट्री का मुनीम है। इस दौरान एसटीएफ युवक को गाड़ी से नीचे उतरा और उसने हाथ में पकड़े बैग को कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस टीम पूरी तैयारी के साथ आई थी।
मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान विरोध करने पर युवक को पहले सड़क पर ही पीटा और फिर उसके एक रिश्तेदार के घर ले जाकर गहन पूछताछ की गई। एसटीएफ की ओर से की गई इस कार्रवाई में एक अन्य शख्स के नाम की भी चर्चा हो रही है। उसके घर पर भी एसटीएफ की टीम पहुंची थी। लेकिन उस युवक की मां ने एसटीएफ को साफ कह दिया कि उन्होंने उसके बेटे को बेदखल कर दिया है, जिसके चलते टीम वहां से लौट आई। पुलिस के इस संयुक्त ऑपरेशन की खबर पूरे शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई और बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलकर सड़क के बाहर खड़े हो गए। लोगों के जमा होने की सूचना जब डीएसपी जसजोत सिंह और एसएचओ सिटी अमृतपाल सिंह तक पहुंची तो वे भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और डीएसपी जसजोत सिंह खुद जाकर उस घर में दाखिल हुए जहां पर एसटीएफ ने छापा मारा था और काफी देर के बाद बाहर आकर बताया कि जांच चल रही है।
लेकिन वे पूरे मामले की जानकारी देने से चुप्पी साध गए। काफी देर बाद एसटीएफ ने शहर पुलिस से पूछा तो महिला पुलिस को भी बुला लिया गया। समाचार लिखे जाने तक उक्त घर के अंदर पुलिस की कार्रवाई जारी थी। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक बताया जा रहा है कि मामला 3 दिन पहले अमृतसर में पकड़ी गई बड़ी हवाला रकम से जुड़ा है। लेकिन किसी भी शीर्ष अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इसके अलावा शहर में कई तरह की नशीली दवाओं के निर्यात की अफवाहें फैल रही हैं। इस कार्रवाई के बारे में पुलिस अधिकारियों से जानकारी मांगी गई, लेकिन किसी भी उच्चाधिकारी ने घटना की जानकारी देने के लिए मुंह नहीं खोला।
