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PoK Protest: 12 की मौत, सैकड़ों घायल, इंटरनेट और कॉल सेवाएं बंद, स्थिति चिंताजनक

04 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। बीते कुछ दिनों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले 12 लोग पुलिस फायरिंग में मारे गए, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विरोध का मुख्य कारण पानी, बिजली, आटा-चावल जैसी बुनियादी जरूरतों में सब्सिडी और टैक्स में राहत की मांगें हैं।

प्रदर्शनकारी सड़क पर, हिंसा और आगजनी

PoK के सेहंसा, अर्जा पुल और कोटली कस्बा में विरोध प्रदर्शन चरम पर हैं।

  • सेहंसा में नागरिक हत्याओं के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया।
  • अर्जा पुल पर विरोधियों ने नाकेबंदी कर दी, जिससे आवाजाही ठप हो गई।
  • कोटली कस्बा बंद रहा; दुकानें और यातायात पूरी तरह ठप।

गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वैन और बुलडोजर तक को आग के हवाले कर दिया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध, ब्रिटेन में अनशन

PoK में इंटरनेट और कॉलिंग सेवाएं पिछले 96 घंटे से बंद हैं। इस फैसले के विरोध में ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर युवा अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक PoK में सेवाएं बहाल नहीं होतीं, वे अनशन जारी रखेंगे।

जनता का गुस्सा – नारों में दिखा

PoK के कई शहरों में संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी की अगुवाई में हजारों लोग पांच दिन से सड़कों पर हैं। लोग नारे लगा रहे हैं – “हुक्मरानों देख लो, हम तुम्हारी मौत हैं…इंकलाब आएगा” सभी जगह बंद और जाम की स्थिति है; दुकाने, बाज़ार, होटल और परिवहन ठप हैं। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद आंदोलन का जोर कम नहीं हुआ।

बातचीत के बावजूद कोई समाधान नहीं

शाहबाज शरीफ की सरकार के सलाहकारों और अवामी एक्शन कमेटी के बीच दूसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बनी। पाकिस्तान के संसदीय मामलों के संघीय मंत्री चौधरी तारिक फजल ने कहा कि कुछ मांगों के लिए संवैधानिक संशोधन की जरूरत है और बातचीत जारी है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को अपील

जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी के सदस्य सरदार उमर नजीर कश्मीरी ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों से PoK में जारी संकट पर तत्काल ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की अंधाधुंध फायरिंग में निहत्थे नागरिक मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं।

आर्थिक संकट और महंगी मूलभूत सेवाएं

PoK में पाकिस्तान के आर्थिक संकट का असर सबसे अधिक हुआ है। खाने-पीने की वस्तुएं, ईंधन और बिजली महंगी हो गई हैं। बिजली का उत्पादन अधिक होने के बावजूद स्थानीय लोगों को महंगे दर पर बिजली खरीदनी पड़ती है। इस महंगी बिजली और संसाधनों के शोषण को लेकर लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है।

भारत से जुड़ने की इच्छा बढ़ी

भले ही पाकिस्तान सरकार इसे स्वीकार न करे, वास्तविकता यह है कि PoK में एक बड़ा तबका भारत से जुड़ना चाहता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि PoK के लोग स्वयं आगे आकर भारत में शामिल होंगे।

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