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Panipat: शिक्षा मंत्री के गांव में जर्जर स्कूल, टपकती छतों से बेहाल छात्र

पानीपत 05 अगस्त 2025 शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के पैतृक गांव कवी के 2 सरकारी स्कूलों में से किसी की भी स्थिति ठीक नहीं है। सीनियर सेकेंडरी स्कूल का हॉल कंडम हो चुका है। इसके बाहर असुरक्षित भवन लिखकर चारों तरफ तारबंदी की गई है। लड़कियों के हाई स्कूल के 3 कमरों के बरामदे और किचन की छत से पानी टपकता है। 

स्कूल जाने वाले रास्ते में बारिश का पानी जमा होने से बच्चों का बाहर और अंदर जाना चुनौतीपूर्ण है। दोनों में से किसी भी स्कूल में मुखिया नहीं है। सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दूसरे स्कूल के प्रधानाचार्य को डीडी पावर दी गई है। वहीं लड़कियों के हाई स्कूल में प्राइमरी शिक्षक को चार्ज दिया गया है।

कमरों की छत टपकती है- कार्यकारी मुख्याध्यापक

राजकीय कन्या उच्च स्कूल कार्यकारी मुख्याध्यापक जयभगवान ने बताया कि साल 1995 में प्राइमरी स्कूल के भवन के रूप में बनाया था। इसे 2005 में अपग्रेड कर बाकी बिल्डिंग बनाई। स्कूल की पहली से पांचवीं कक्षा तक 51 और छठी से 10वीं तक 123 छात्राएं हैं। प्राइमरी विंग में 5 कक्षाओं के आगे 4 कमरे हैं। 3 अन्य कमरों में से एक में रसोई, एक में लाइब्रेरी और एक में आंगनबाड़ी है। स्कूल का कंप्यूटर रूम जर्जर हो चुका है। 3 कमरों के बरामदे की छत टपकती रहती है और मिडिल के किचन की छत कंडम हो चुकी है। स्कूल में मुख्याध्यापक, ड्राइंग टीचर और पीटीआई के पद खाली हैं।

5 कमरों की बनाने की है मांग- अतिरिक्त प्रिंसिपल

राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल अतिरिक्त प्रिंसिपल सुरेश दलाल ने बताया कि यह स्कूल 1969 में बनाया था। इसके बाद 2007 में स्कूल की छत बदलवा दी थी। एक समय में स्कूल में करीब 1 हजार विद्यार्थी पढ़ते थे। स्कूल की देखभाल ग्राम पंचायत व गांव की कमेटी करती थी। उस समय स्कूल में आसपास के गांवों के बच्चे आते थे। अब पहली से पांचवीं तक 107 और छठी से 12वीं कक्षा तक 291 विद्यार्थी हैं। स्कूल में छात्र संख्या भी इतनी बेहतर नहीं है। स्कूल का हाॅल कंडम हो चुका है। ऐसे में सामूहिक कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं। स्कूल में प्रिंसिपल और इतिहास विभाग के शिक्षक नहीं हैं। उन्होनें बताया कि स्कूल में 5 कमरों की मांग है। 

बता दें कि कवी गांव जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर मतलौडा से करनाल रोड पर स्थित है। गांव में दो सरकारी स्कूल हैं। दोनों स्कूल आमने-सामने हैं। एक लड़कियों के लिए पहली से दसवीं और दूसरा पहली से 12वीं कक्षा तक है।

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