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विपक्ष ने चायपान बहिष्कार किया, महाविकास आघाड़ी ने सरकार पर लगाया संविधानविरोधी आरोप

नागपुर 08 दिसंबर 2025 : महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार दोनों सदनों में विपक्षी नेता का पद खाली है। यह एक महत्वपूर्ण पद होने के बावजूद सत्ता पक्ष ने इसे नहीं भरा। विपक्षी सदस्यों को चायपान के लिए व्यक्तिगत आमंत्रण सरकार की ओर से दिया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह सरकार संविधानविरोधी है, ऐसा आरोप महाविकास आघाड़ी ने रविवार को सरकार के चायपान पर बहिष्कार का निर्णय लेते हुए लगाया।

कांग्रेस के विधायिका दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा—
“साल भर से विपक्षी नेता का पद खाली रखा गया है। पहले राज्य के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। चाहे विरोधियों के सदस्य चार-पाँच हों, फिर भी विपक्षी नेता का पद दिया गया। लेकिन सत्ता पक्ष को संविधान की कोई परवाह नहीं है।”

विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने विपक्षी नेता के पद पर नियुक्ति के संदर्भ में कहा कि स्वतंत्रता के बाद की सभी प्रथाओं का पालन आवश्यक नहीं है। इस बयान का विरोध विपक्ष ने किया। वडेट्टीवार ने कहा—
“राज्य में हुकूमत की शैली में कार्य चल रहा है। सभापति की भूमिका लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।”

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के गुटनेता भास्कर जाधव ने कहा—
“सत्तापक्ष को संविधान नहीं चाहिए, उन्हें मनुस्मृति चाहिए, इसलिए सभापति ने ऐसा बयान दिया।”

उन्होंने कहा कि विदर्भ में हिवाळी अधिवेशन सिर्फ सात दिनों का है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या हो रही हैं, रोज आठ किसान अपनी जान गंवाते हैं। चुनाव से पहले किसान कर्जमाफी की घोषणा हुई, लेकिन सरकार को मुहूर्त नहीं मिला। अर्थमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने किसानों को ‘फुकटे’ कहा। मंत्री विखे पाटील ने किसानों का अपमान किया। इससे सरकार की किसानविरोधी नीति स्पष्ट होती है। इसलिए ऐसे संवेदनहीन सरकार के साथ चायपान करना गलत है।

पत्रकार परिषद में माजी मंत्री नितीन राऊत, विधायक अभिजित वंजारी, प्रवक्ता अतुल लोंढे, शिवसेना (उद्धव गुट) से सुनील प्रभू, अनिल परब, राष्ट्रवादी शरद पवार पक्ष से माजी मंत्री अनिल देशमुख उपस्थित थे।

मंत्री भ्रष्टाचार पर आरोप

भास्कर जाधव ने कहा—
“महायुती सरकार के पास पाशवी बहुमत है, फिर भी विपक्ष का आवाज दबाया जा रहा है। सभी मंत्री, कंत्राटदार बनकर तिजोरी लूट रहे हैं। तीनों पक्षों में भ्रष्टाचार की दौड़ लगी है। इस सरकार ने कई योजनाएँ बंद कर दी हैं। यह स्थगिती सरकार नहीं है?”

जाधव ने आरोप लगाया—
“राज्य में हुए स्थानीय स्वशासी संस्थाओं के चुनाव में सत्ता पक्ष ने पैसे बांटे, जिसे उनके ही विधायक शूटिंग करके दिखा रहे हैं। यह किस लोकतंत्र का अपमान है? विपक्ष के निर्वाचन क्षेत्रों में एक रुपया भी नहीं मिलता, लेकिन सत्ता पक्ष को भारी फंड मिलता है।”

उपमुख्यमंत्री के बेटे पर आरोप

वडेट्टीवार ने आरोप लगाया—
“उपमुख्यमंत्री के बेटे ने महार वतन की जमीन नियमविरुद्ध तरीके से खरीदी। इस मामले में शीतल तेजवानी को गिरफ्तार किया गया। अधिवेशन के दौरान कार्रवाई दिखाने के लिए गिरफ्तार किया गया। जमीन बेचने वालों पर कार्रवाई हुई, लेकिन खरीदने वालों पर नहीं। यह महायुती सरकार का अजीब न्याय है।”

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