भोपाल. देश के अलग-अलग कोनों में कई तरह की कला प्रसिद्ध है, जिनमें से एक है ओडिशा की अद्भुत ओकला कला. ओडिशा के नबरंगपुर से आई धन्य मांजी ने धान और धागे से अद्भुत ओकला कला तैयार की है, जिसे पैडी क्राफ्ट कहते हैं. इसमें धान के दानों को धागे के साथ बांधकर विभिन्न मूर्तियां तैयार की जाती हैं.
लोकल 18 से बात करते हुए चंद्र सन्मा मांजी ने बताया कि हम यह काम पीढ़ियों से कर रहे हैं. हम धान, धागा और बांस से भगवान की अलग-अलग आकार वाली मूर्ति तैयार करते हैं. इसमें लक्ष्मी, गणेश, कृष्णा और जगन्नाथ पुरी की मूर्तियां शामिल हैं. चंद्र सन्मा बताते है कि हमें एक मूर्ति तैयार करने में लगभग 2-3 दिन का समय लगता है.
ऐसे की जाती है तैयारी
चंद्र सन्मा ने बताया कि हमारे यहां धान की खेती सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में हम इस से कई तहर के सामान बनाने लगे हैं. उन्होंने इसकी प्रक्रिया को समझाते हुए बताया कि सबसे पहले धान और धागे से स्ट्रिप तैयार की जाती है. इसके बाद उसे पानी में नरम करके आकार दिया जाता है. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद धागे की सहायता से मूर्तियां तैयार की जाती हैं.
मूर्ति की कीमत बेहद कम
चंद्र सन्मा ने बताते हैं कि यहां मेला में आने वाले लोगों को यह कला खूब पसंद आ रही है. मूर्ति की कीमत के बारे में बताया कि भगवान गणेश की छोटी मूर्ति का दाम 400 रुपए से शुरू है. वहीं बड़ी मूर्ति की कीमत 500 से लेकर 1000 रुपए तक पहुंच जाती है.
लोगों का मिल रहा प्यार
मेला में खरीदारी करने आ रहे लोगों को यह बेहद अलग और अद्भुत कला से बनी मूर्ति खूब पसंद आ रही है. चंद्र सन्मा ने बताते हैं कि लोग उन्हें मूर्तियों के दाम बढ़ाने का भी बोलते हैं. मगर वह पहली बार भोपाल आए है और अब यहां लोगों के प्यार को देखकर उनका कहना है कि वह बार बार यहां आते रहेंगे.
