22 जुलाई 2025 : राज्यभर के सरकारी अस्पतालों की नर्सें अपनी लंबित मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से बेमियादी हड़ताल पर हैं। सोमवार को भी नर्सों ने हड़ताल जारी रखते हुए मुंबई के आज़ाद मैदान में जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलन कर रही नर्सों ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें मरीजों की चिंता है, लेकिन सरकार द्वारा उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करना निंदनीय है। विरोध जताने के लिए राज्यभर में नर्सों ने सामूहिक रक्तदान किया, जिससे कुल 146 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
इस आंदोलन को महाराष्ट्र राज्य सरकारी गट-ड कर्मचारी महासंघ ने भी समर्थन दिया है। नर्सों की हड़ताल से प्रदेश के कई अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, जिससे आम मरीजों को तात्कालिक इलाज में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संघटन की मुख्य मांगें:
- वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए
- संविदा भर्ती रद्द कर सभी पदों पर 100% स्थायी नियुक्ति की जाए
- 50% से अधिक रिक्त पदों पर तत्काल पदोन्नति
- पिछले 40 वर्षों से लंबित भत्तों को मंजूरी
- अधिपरिचारिका, परिसेविका, पाठ्यनिर्देशिका जैसे पदों के लिए उचित वेतन और सुविधाएं
राजनीतिक समर्थन भी मिला:
नर्सों के आंदोलन को राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) का समर्थन भी मिल चुका है। शरद पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष शशिकांत शिंदे और वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने आज़ाद मैदान पहुंचकर आंदोलनरत नर्सों को समर्थन दिया और कहा कि “स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली नर्सों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।”
संघठन का संदेश सरकार को:
नर्सों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया, तो यह असंतोष स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह संकट में डाल सकता है।
