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यमन में फांसी की कगार पर नर्स निमिषा, बचाने आगे आए मुस्लिम धर्मगुरु

कोझिकोड 15 जुलाई 2025 : सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स को बचाने के पक्ष में आगे आए हैं और उसे बचाने के लिए ‘हर संभव प्रयास’ कर रहे हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। नर्स की फांसी की सजा नजदीक आ रही है। 

सूत्रों ने बताया कि मुसलियार (94) ने यमन में धर्मिक नेतृत्व के साथ बातचीत की है और वह मृतक तलाल अब्दो मेहदी के परिजनों के संपर्क में हैं। तलाल अब्दो मेहदी यमनी नागरिक था जिसकी भारतीय नर्स ने 2017 में कथित तौर पर हत्या कर दी थी। मुसलियार को भारत के मुफ्ती ए आजम की उपाधि प्राप्त है और उन्हें आधिकारिक तौर पर शेख अबूबक्र अहमद के नाम से भी जाना जाता है। केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को अपने यमनी व्यापारिक साझेदार मेहदी की हत्या करने के मामले में 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी है। 

सूत्रों ने बताया कि दियात (ब्लड मनी) दिए जाने को लेकर बातचीत हो चुकी है और केरल में संबंधित पक्षों को इसकी जानकारी दे दी गई है। हालांकि, बातचीत की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। यमन में लागू शरिया कानून के अनुसार, दियात कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त क्षमादान वित्तीय मुआवजा है जो दोषी की तरफ से मारे गए व्यक्ति के परिजन को दिया जाता है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि बातचीत को सुगम बनाने के लिए मुसलियार के मुख्यालय में एक कार्यालय खोला गया है। 

पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी और 2023 में उसकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई थी। वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में कैद है। इससे पहले दिन में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि 16 जुलाई को फांसी की सजा का सामना कर रही नर्स के मामले में सरकार कुछ खास नहीं कर सकती। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। 

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