15 मई 2025 हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत का पूरे साल इंतजार रहता है क्योंकि यह एक मात्र व्रत हैं, जिसको करने से साल के सभी 24 एकादशी व्रत करने का पुण्य फल मिल जाता है. इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 2 दिन रखा जाएगा. इसमें पहले दिन निर्जला एकादशी स्मार्त होगी और दूसरे दिन निर्जला एकादशी वैष्णव होगी. इतना ही नहीं, गृहस्थजन निर्जला एकादशी का व्रत 32 घंटे 21 मिनट तक रखेंगे. इतने समय तक उनको अन्न और जल ग्रहण नहीं करना होगा. आइए जानते हैं कि निर्जला एकादशी की तारीख, मुहूर्त, पारण समय और महत्व क्या है?
निर्जला एकादशी कब है 2025?
दृक पंचांग के अनुसार, 6 जून को तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ होगा और वह 7 जून को प्रात: 4 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. निर्जला एकादशी के हरि वासर का समापन 7 जून को 11:25 ए एम पर होगा. ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत दो दिन होगा. निर्जला एकादशी स्मार्त व्रत 6 जून को होगा, जबकि निर्जला एकादशी वैष्णव व्रत 7 जून को रखा जाएगा.
निर्जला एकादशी व्रत स्मार्त की तारीख: 6 जून 2025, शुक्रवार
निर्जला एकादशी व्रत वैष्णव की तारीख: 7 जून 2025, शनिवार
निर्जला एकादशी व्रत 2 दिन क्यों है?
उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि एकादशी व्रत में हरि वासर का महत्व होता है. हरि वासर से पूर्व व्रत का पारण नहीं होता है. गृहस्थ लोग एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के समापन के बाद कर लेते हैं, जबकि वैष्णव एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में जब सूर्योदय होता है, तब करते है. कई बार एकादशी तिथि और हरि वासर के समय की वजह से एकादशी व्रत दो दिन का हो जाता है. जैसा कि निर्जला एकादशी व्रत में हुआ है.
गृहस्थ रखेंगे 32 घंटे का निर्जला एकादशी व्रत 2025
इस साल गृहस्थ लोगों के लिए निर्जला एकादशी का व्रत 32 घंटे 21 मिनट तक का होगा. सूर्योदय से लेकर पारण के समय तक व्रत का टाइम माना जाता है. गृहस्थों का व्रत 6 जून को सूर्योदय के समय 05:23 ए एम से प्रारंभ हो जाएगा, जो 7 जून को दोपहर 01:44 पी एम तक पारण के समय पर खत्म होगा.
स्मार्त और वैष्णव एकादशी व्रत में अंतर
जब एकादशी व्रत दो दिन का होता है तो पहला स्मार्त और दूसरा वैष्णव कहलाता है. स्मार्त व्रत गृहस्थ लोग करते हैं, जबकि वैष्णव व्रत विष्णु भक्त, जो वैष्णव संप्रदाय के हैं, वे करते हैं. गृहस्थ लोग भी वैष्णव व्रत कर सकते हैं, लेकिन उनको व्रत के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा.
निर्जला एकादशी 2025 मुहूर्त
1. 6 जून को निर्जला एकादशी की पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त रवि योग में 05:23 ए एम से 06:34 ए एम के बीच है. रवि योग में कोई दोष नहीं रहता है. उस समय हस्त नक्षत्र है. इसके अलावा आप राहुकाल 10:36 ए एम से 12:20 पी एम को छोड़कर पूजा कर सकते हैं.
2. 7 जून को निर्जला एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 05:23 ए एम से 09:40 ए एम तक बहुत उत्तम है. इस समय द्विपुष्कर योग है, जिसमें किए गए कार्यों का दोगुना फल मिलता है. हांलाकि सर्वार्थ सिद्धि योग 09:40 ए एम से 8 जून को 05:23 ए एम तक है. इस योग में भी पूजन करना उत्तम है, इसमें आपके कार्य सफल सिद्ध होंगे.
निर्जला एकादशी 2025 पारण समय
निर्जला एकादशी व्रत स्मार्त का पारण समय: 7 जून 2025, 01:44 पी एम से 04:31 पी एम के बीच
निर्जला एकादशी व्रत वैष्णव का पारण समय: 8 जून 2025, 05:23 ए एम से 07:17 ए एम के बीच
निर्जला एकादशी व्रत के फायदे
निर्जला एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार के पाप मिट जाते हैं और उस व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. 5 पांडवों में से भीमसेन ने भी निर्जला एकादशी का व्रत रखा था, इस वजह से निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं.
