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मुंबई का 100 साल पुराना ब्रिटिश जमाने का एल्फिंस्टन ब्रिज तोड़ा जा रहा, प्रशासन ने बताई वजह

13 सितंबर 2025: मुंबई में 100 साल से अधिक पुराने एल्फिंस्टन रोड ओवरब्रिज (ROB) को 12 सितंबर शाम से तोड़ा जाना शुरू हो गया. यह ब्रिटिश काल का पुल परेल और प्रभादेवी को जोड़ने वाला पुल था.

इसे तोड़कर सेवरी-वर्ली एलीवेटेड कनेक्टर प्रोजेक्ट के तहत नया डबल-डेकर ब्रिज बनाया जाएगा. यह मुंबई के लिए एक बड़ा बदलाव है, जिससे पूर्व-पश्चिम संपर्क बेहतर होगा और यातायात दबाव कम करने वाला होगा. 

क्या है पुल तोड़ने की वजह?

मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने 11 सितंबर को एल्फिंस्टन ROB को बंद करने की आधिकारिक सूचना जारी की और वैकल्पिक यातायात योजना भी प्रकाशित की पहले इसे 25 अप्रैल से बंद करने की तैयारी थी, मगर ट्रैफिक जाम और असुविधा को देखते हुए निर्णय टाल दिया गया था.

ट्रैफिक पुलिस ने नए रूट तय किए

दादर, लोअर परेल, करी रोड और भारतमाता इलाकों पर असर पड़ने वाले हैं. वहीं इस योजना का मकसद भी लोगों के हित में बताया जा रहा है. सुरक्षा बढ़ाने के साथ साथ भीड़भाड़ भी कम करना इस पुल के निर्माण का लक्ष्य में से एक है.

नए डबल-डेकर पुल की विशेषताएं

पुराना एल्फिंस्टन ROB सिर्फ 13 मीटर चौड़ा था और दोनों दिशाओं में मुश्किल से डेढ़-डेढ़ लेन का ट्रैफिक समा पाता था. नए डबल-डेकर ब्रिज के बनने के बाद मुंबई की कनेक्टिविटी आधुनिक और तेज होगी. पहला लेवल – डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रोड और सेनापति बापट रोड के बीच 2+2 लेन, दूसरा लेवल – मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (अटल सेतु) से बांद्रा-वर्ली सी लिंक तक 2+2 लेन. नया पुल शहर के ट्रैफिक नेटवर्क में एक अहम बदलाव लाएगा

सेवरी-वर्ली कनेक्टर प्रोजेक्ट और मुंबई का भविष्य

4.5 किलोमीटर लंबे सेवरी-वर्ली एलीवेटेड कनेक्टर के तहत यह पुल तैयार होगा. यह लिंक MTHL को BWSL से जोड़ेगा, जिससे मुंबई के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के तटीय मार्ग पर यातायात तेज होगा. पीटीआई के अनुसार, यह नया डबल-डेकर स्ट्रक्चर शहर में विकास और सुविधा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. पश्चिमी और पूर्वी मुंबई का सीधा संपर्क होगा. सफर में समय और ईंधन दोनों की बचत होगी और मुंबई के तटीय मार्गों को आधुनिक स्वरूप देने का भी एक ऐंगल देखा जा रहा है.

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