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दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा, कार में मौजूद आतंकी उमर की हुई DNA से पुष्टि

13 नवंबर 2025 : दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए भीषण कार विस्फोट मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि धमाके वाली हुंडई i20 कार में मौजूद व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि आतंकी डॉक्टर उमर नबी उर्फ उमर मोहम्मद ही था। फॉरेंसिक लैब से आए DNA टेस्ट रिपोर्ट में उमर के परिजनों के सैंपल और कार के मलबे से मिले जले हुए शरीर के हिस्से जैसे हड्डियां, दांत और कपड़े 100% मैच हुए हैं।

इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए थे। अब यह स्पष्ट हो गया है कि डॉक्टर उमर ने ही इस ‘फिदायीन’ हमले को अंजाम दिया था।

 जांच में कैसे हुआ खुलासा?

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और NIA की जांच में शुरुआत से ही शक था कि हमलावर डॉक्टर उमर ही था। वह फरीदाबाद स्थित अल फला यूनिवर्सिटी के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। यही मॉड्यूल कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा पाया गया है।

उमर ने विस्फोट से करीब 11 दिन पहले फरीदाबाद से एक सफेद हुंडई i20 कार खरीदी थी, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, डेटोनेटर और RDX जैसे विस्फोटक भरे गए थे। पुलिस के बढ़ते दबाव और साथियों की गिरफ्तारी के डर से उमर ने कार सहित खुद को उड़ा लिया।

DNA रिपोर्ट ने खोला सच

पुलिस ने पुलवामा के संबूरा इलाके में स्थित उमर के घर से उसकी मां और भाई के DNA सैंपल लिए थे। जब इन्हें दिल्ली से बरामद अवशेषों से मिलाया गया, तो 100% मैचिंग मिली। अधिकारियों ने बताया कि अब कोई संदेह नहीं बचा है — कार चलाने वाला व्यक्ति डॉक्टर उमर ही था।

तुर्की कनेक्शन पर भी जांच

जांच एजेंसियों को उमर के फोन से ‘Session’ नामक एन्क्रिप्टेड चैट ऐप में एक हैंडलर ‘UKasa’ के साथ बातचीत के सबूत मिले हैं। माना जा रहा है कि यह हैंडलर तुर्की की राजधानी अंकारा से ऑपरेट कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, मार्च 2022 में उमर समेत कई संदिग्ध भारत से तुर्की गए थे, जहां इनका ब्रेनवॉश किया गया और कट्टरपंथी नेटवर्क से जोड़ा गया। NIA अब इस सिलसिले में तुर्की दूतावास से औपचारिक संपर्क में है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग कर रही है।

‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का खुलासा

इस मामले में गिरफ्तार डॉक्टरों और प्रोफेशनल युवाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद स्थित अल फला यूनिवर्सिटी के कुछ लैब्स का इस्तेमाल RDX और IED तैयार करने के लिए किया जा रहा था। NIA ने इस यूनिवर्सिटी के आईटी सर्वर और प्रयोगशालाओं को सील कर दिया है। अब तक कुल 12 संदिग्ध गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें डॉक्टर मुजम्मिल शकील, डॉक्टर शाहीन शाहिद और डॉक्टर आदिल राठेर जैसे नाम शामिल हैं।

केंद्र सरकार की सख्त प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सरकार ने इस विस्फोट को स्पष्ट रूप से आतंकवादी हमला घोषित किया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “जो भी इस घटना में शामिल हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।” NIA को जांच का पूर्ण जिम्मा सौंपा गया है। दिल्ली, फरीदाबाद, पुलवामा और लखनऊ में कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही है।

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