19 अक्टूबर 2025 : अनिकेत यादव, अहिल्यानगर: साधे गले के संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती 79 वर्षीय वृद्ध के साथ घातक धोखाधड़ी का मामला सामने आया। वृद्ध के कोरोना पॉजिटिव होने का फर्जी रिपोर्ट तैयार कर अस्पताल ने केवल पैसों की उक़ल की। गलत इलाज के कारण वृद्ध की मृत्यु हो गई। इसके अलावा, अवयव तस्करी के लिए मृतक के शव को अलग-अलग जगहों पर भेजने का भी गंभीर आरोप लगा है।
उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज
छत्रपती संभाजीनगर खंडपीठ के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तोफखाना पुलिस थाने में छह नामजद डॉक्टरों और अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर मामला दर्ज किया गया। इस घटना ने अहिल्यानगर के चिकित्सा क्षेत्र में खलबली मचा दी है। शिकायतकर्ता अशोक बबनराव खोकराळे के अनुसार, उनके पिता बबनराव खोकराळे को 13 अगस्त 2020 को हल्के गले की खराश और कब्ज़ की शिकायत पर उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट बनाकर जबरदस्ती कोविड सेंटर में भर्ती कराया। इसके बाद परिवार को मरीज से मिलने से रोका गया। 18 अगस्त को अस्पताल ने 1 लाख 84 हजार रुपए का बिल भरने के बाद ही मरीज की मृत्यु की जानकारी दी। मृतक का शव पाने के लिए जिला अस्पताल और नगरपालिकाओं से संपर्क करने को कहा गया, लेकिन आज तक शव नहीं मिला।
फर्ज़, साजिश और मृत्यु के लिए जिम्मेदारी
अहिल्यानगर के नामचीन अस्पतालों के डॉक्टर डॉ. गोपाळ बहुरुपी, डॉ. सुधीर बोरकर, डॉ. सचिन पांडुले, डॉ. अक्षयदीप झावरे, डॉ. मुकुंद तांदळे और विखे पाटील मेमोरियल अस्पताल की लैब टीम पर फर्जीवाड़ा, साजिश और मृत्यु के लिए जिम्मेदार होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
फरियादी अशोक खोकराळे का आरोप
उन्होंने कहा कि अस्पताल ने मरीज को बेड पर बांध कर रखा, धमकाया और बिना खाना दिए प्रताड़ित किया। एक ही दिन में दो अलग-अलग अस्पतालों में दाखिला दिखाकर बिल बढ़ाए गए। शव को नष्ट करने और अवयव तस्करी के उद्देश्य से अलग-अलग जगह भेजा गया। उनके पिता का शव आज तक नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी कोरोना रिपोर्ट तैयार कर पैसों की उक़ल की गई और सब कुछ अंधकार में छुपाया गया। यह स्वास्थ्य सेवा नहीं बल्कि सीधे अपराध का रैकेट है।
